बिलासपुर जिले में पीपीई किट की जगह रेन कोट सप्लाई करने के मामले में विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। सीएमओ बिलासपुर कार्यालय में तैनात कर्मचारियों को भी सहयोग करने के लिए कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि एसपी विजिलेंस ने मामले में विजिलेंस थाना बिलासपुर के प्रभारी डीएसपी चंद्रशेखर को जांच के आदेश दिए हैं।
डीएसपी ने सीएमओ ऑफिस से खरीद-फरोख्त से जुड़े दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं। रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। उन्होंने इस मामले को डील करने वाले सीएमओ दफ्तर के कर्मचारियों से जांच में सहयोग करने को कहा है। इनसे कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी गई हैं। डीएसपी चंद्रशेखर ने इसकी पुष्टि की है।
सीएमओ कार्यालय बिलासपुर की ओर से कोरोना महामारी की शुरुआत में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को संक्रमण से बचाने के लिए पीपीई किटें मुहैया करवाने का दावा किया गया था। ऊना जिले की एक फर्म से पीपीई किट खरीदी गई थीं। इसकी सभी खंडों में सप्लाई कर दी गई। कुछ खंडों के डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ ने इनका प्रयोग भी शुरू कर दिया था। मारकंड ब्लॉक में डॉक्टरों ने पीपीई किटों को रेन कोट बताकर इन्हें पहनने से इंकार कर दिया था।
इसके बाद सीएमओ कार्यालय ने आननफानन में ये रेन कोट वापस कर लिए। कथित तौर पर एक सरकारी गाड़ी से उसी फर्म से रेन कोट की जगह पर पीपीई किटें मंगाई गईं। इन्हें सभी खंडों को दे दिया तथा रेन कोट वापस मंगा लिए गए। मामले में विजिलेंस को मिली जानकारियों के आधार पर एसपी धर्मशाला ने डीएसपी बिलासपुर को तुरंत जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।