बीटेक पढ़कर इस छात्र ने तकनीकी मॉडल की बजाए प्राकर्तिक खेती को अपनाया और एक ऐसा बेमिसाल मॉडल तैयार किया है, जिसकी अब चारों ओर सराहना होने लगी है।
बता दे जिला सोलन के नालागढ़ क्षेत्र के एक नौजवान ने नौकरी छोड़कर किराये पर जमीन लेकर उसमें हल्दी की प्राकृतिक खेती शुरू की है। देखते ही देखते उसका यह आर्गेनिक बिजनेस मॉडल हिट होने लगा और लोगों के बीच उसकी पहचान ही नहीं बल्कि अच्छी खासी आमदन भी होने लगी है।
हम यहां बात कर रहे हैं नालागढ़ के अनुभव बंसल की। अनुभव बंसल नालागढ़ के ही निवासी हैं और उन्होंने अपनी बीटेक की पढ़ाई बददी यूनिवर्सिटी से पूरी की है। उसके करीब दो वर्षों तक उन्होंने बतौर सॉफटवेयर डिवेल्पर कंपनी में नौकरी की। दो वर्षों तक एक ट्रेनी की तरह जॉब करने के बाद उनके दिमाग में खेती का एक बिजनेस माॅडल आया। घर में पिता का भी अपना बिजनेस है। लेकिन उन्होंने उस बिजनेस को छोडकर अपनी राह पकड़ी और 16 बीघा जमीन को किराये पर लिया। इसके बाद उन्होंने कृषि विभाग सोलन की मदद से प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी पाई और अपने प्रोजेक्ट में जुट गए।
प्राकृतिक हल्दी के साथ नकदी फसलें भी उपलब्ध
अनुभव बंसल के दिमाग में खेती का पूरा बिजनेस माॅडल तैयार था। उन्होंने खेतों में जैसे ही प्राकृतिक खेती शुरू की, उसके साथ ही एक दुकान भी खोल दी। इस स्टॉल पर उन्होंने प्राकृतिक सब्जियां बेचने का काम भी शुरू कर दिया। बंसल ने बताया अब जब उन्हें इस खेती के लाभ देखने को मिले हैं तो उन्होंने व्यवसायिक खेती कई तरह से करना शुरू कर दी है। वह हल्दी की पैदावार की ओर बढ़ गए हैं। इस बार वह दूसरी बार हल्दी की फसल लगा रहे हैं और दस लाख रुपये से अधिक का मुनाफा इस वर्ष कमाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा सभी खर्चे निकाल देने के बाद उन्हें इतना तो बच ही जाएगा। अनुभव ने बताया कि वह हल्दी उगाने के बाद उसे अपने छोटे से उद्योग में ही इसकी पैकिंग करेंगे। उद्योग में हल्दी का पाउडर उत्पादन कर और पैकिंग करने के बाद ग्राहकों को सेल कर देते हैं। प्रकृति हल्दी के नाम से मिलने वाली यह हल्दी हाथों हाथ बिक जाती है।
नौकरी करता तो नहीं होती ये आमदनी : अनुभव
अनुभव बंसल ने कहा कि उन्होंने दो वर्षों तक नौकरी की। दो वर्ष उनके प्रोवेशन में ही निकल गए और कुछ खासी आमदनी नहीं थी। अब जब उन्हाेंने प्राकृतिक खेती शुरू की है तो इसके आकर्षक परिणाम देखने को मिले हैं। बीते वर्ष उन्होंन चार बीघा जमीन पर हल्दी उगाई थी। इसकी पैदावार चार टन हुई और उसका जब पाऊडर बनाया गया तो वह दो टन हुआ। उनकी हल्दी को बाजार में 300 से 400 रुपये प्रति किलो दाम प्राप्त हुआ।
लोगों को दिया रोजगार
अनुभव बंसल ने छह लोगों को रोजगार दिया है, जो खेताें व दुकान पर काम कर रहे हैं। यह खेती उनके जीवन को बदल रही है और एक अलग पहचान दे रही है। उन्होंने कहा कि अब वह सालाना दस लाख रुपये प्राकृतिक खेती से कमाने लगे हैं।
विभाग अन्य कृषकों को दे रहा उदाहरण व प्रेरणा
कृषि विभाग सोलन के बिषय वाद विशेषज्ञ धर्मपाल गौत्तम ने बताया अनुभव बंसल कुछ वर्षों से प्राकृतिक खेती में उम्दा कार्य कर रहे हैं। उनके कार्य की कृषि विभाग ने भी सराहना की है। उनके कार्यों की प्रेरणा अन्य कृषकों को भी दी जाती है। जल्द ही उन्हें सम्मानित किया जाएगा।