*चित्तपरिशोधक एवं बोधिसत्वों के सैंतीस अभ्यास और आठ चित्तपरिशोधक अनुष्ठान के विषय में आदरणीय गैशेमा लोबसांग छोडोन अतिशा बोद्ध धर्म परिचय संघ के वाट्स ऐप ग्रुप में हफ्ते में दो बार भाषा में शिक्षा देंगे*
*इच्छुक व्यक्ति अतिशा बोद्ध धर्म परिचय संघ के फैसबुक पेज से जुड़कर , कमेन्ट बॉक्स में अपना नम्बर लिखकर प्रवचन सुनने के लिए आवेदन कर सकता है*
स्वतंत्र हिमाचल/लाहौल-स्पीति
तन्जिन वंगज्ञाल
स्पीती अतिशा बौद्ध धर्म परिचय संघ के अनुरोध पर आदरणीय गैशेमा लोबसांग छोडोन जी ने बौद्ध धर्म परिचय निम्नलिखित विषयों पर अतिशा बौद्ध धर्म परिचय संघ के वाट्स एप ग्रुप में दिया ।
*गैशेमा लोबसांग छोडोन का संक्षिप्त परिचय: -*
गैशेमा लोबसांग छोडोन हिमाचल प्रदेश के जिला लाहौल-स्पीति के हंसा गाँव से है। गैशेमा जमयंग छोलिंग संस्था में एक बौद्ध दर्शन शिक्षक हैं, वह गैशेमा डिग्री प्राप्त करने वाले पहले बैच में शामिल हैं। उन्होंने 1992 में परम पावन दलाई लामा से समन्वय प्राप्त किया और 1995 में पहले भिक्षुणियों के बहस सत्र में भाग लिया और परम पावन के सामने बहस करने का दुर्लभ अवसर मिला। उन्होंने तिब्बती वर्क्स की लाइब्रेरी द्वारा आयोजित चार साल के मॉडर्न साइंस कोर्स में भी भाग लिया है ।
गैशेमा लोबजंग छोडोन ने अतिशा बौद्ध परिचय सोसायटी के वटसेप ग्रुप में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वप्रथम मैं सभी प्राणियों के समृद्धि और आनंदमय के स्रोत बौद्ध शासन का स्वामी भगवान बुद्ध, आर्य अवलोकितेश्वर जी के अभिव्यक्ति परम पावन दलाई लामा जी और सभी महान गुरुजनों को नमन करती हूं। यह नया साल 2021आप और हम सभी का जीवन मंगलमय के साथ बुद्ध और परम पावन दलाई लामा जी के मार्ग दर्शन अनुसार सभी प्राणियों के समृद्धि और आनंदमय के स्रोत बौद्ध शासन लंबी अवधि तक रहने और बुद्ध उपदेशों के माध्यम से बुद्धत्व प्राप्ति के अभ्यास करने में अधिक समय बीतने को मिले यही दुआ करती हूं।
अतीशा बौद्ध परिचय सोसायटी सचमुच में परम पावन दलाई लामा जी के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं।
मुझे स्पिती वासियों को स्पिती बोली में ही बुद्धत्व प्राप्ति के बारे शिक्षा देने का अवसर प्रदान करने के लिए अतीशा बौद्ध परिचय सोसायटी का तहेदिल से आभार व्यक्त करती हूं।
हम बौद्ध धर्म के अनुयायियों जब भी धर्म के बारे शिक्षा दे तो शुरुआत और अंत में दो कार्रवाई महत्वपूर्ण मानते हैं। जब भी बौद्ध दर्शन के बारे विचार विमर्श करे तो शून्यता और बोधिचित के अभिपेरण के माध्यम से सभी प्राणियों को आत्मज्ञान प्राप्त करने की इच्छुक रखना चाहिए।
*आज हम बौद्ध दर्शन सीखने और बुद्धत्व प्राप्ति की प्रक्रिया जानने की कोशिश करते हैं-
ཐུབ་རྣམས་སྡིག་པ་ཆུ་ཡིས་མི་འཁྲུ་ཞིང་།།
འགྲོ་བའི་སྡུག་བསྔལ་ཕྱག་གིས་མི་སེལ་ལ། །
ཉིད་ཀྱི་རྟོགས་པ་གཞན་ལ་སྤོ་མིན་ཏེ། །
ཆོས་ཉིད་བདེན་པ་བསྟན་པས་གྲོལ་བར་མཛད། །
बुद्ध पानी से पापों को नहीं धोते हैं।
न ही अपने हाथों से प्राणियों के कष्टों को दूर करते हैं। न ही अपने ज्ञान को दूसरों में प्रत्यारोपण करते हैं। बुद्ध वास्तविकता की सच्चाइयों को सिखाते हुए प्राणियों को मुक्त करते हैं।
ངས་ནི་ཁྱོད་ལ་ཐར་པའི་ལམ་བསྟན་གྱི། །
ཐར་པ་རང་ལ་རག་ལས་ཤེས་པར་གྱིས། །
मैंने आपको मुक्ति की मार्ग दिखाएं हैं। मुक्ति प्राप्त करना स्वयं पर निर्भर करता है।
बुद्ध ने कहा कि बुद्धत्व प्राप्ति के लिए सिर्फ एक ही मार्ग हैं। वह मार्ग बुद्ध के शिक्षाओं पर चिंतन मनन और गहन अध्ययन करने से बुद्धत्व प्राप्ति होती है। इसलिए हमें यह अवश्य स्वीकार करना चाहिए कि बुद्ध के उपदेशों पर चिंतन मनन और गहन अध्ययन करने के बिना बुद्धत्व प्राप्ति असम्भव है।
बुद्ध ने कहा कि उनके उपदेशों पर चिंतन मनन और गहन अध्ययन इस प्रकार करना चाहिए।
དགེ་སློང་དག་གམ་མཁས་རྣམས་ཀྱིས། །
བསྲེག་བཅད་བརྡར་བའི་གསེར་བཞིན་དུ། །
ལེགས་པར་བརྟག་ལ་ང་ཡི་བཀའ། །
བླང་བར་བྱ་ཡི་གུས་ཕྱིར་མིན། །
जैसे स्वर्ण को तपाकर काटकर और कसौटी {निकष} पर घिस कर उसकी परीक्षा की जाती है, उसी प्रकार हे भिक्षुओं अथवा पंडिततों।
मेरे बचनो का भी अच्छी तरह परीक्षण करके ग्रहण करना चाहिए, न कि मेरे प्रति गौरव हौने के कारण।
परम पावन जी हमेशा हमें मार्ग दर्शन देते हैं कि ” बुद्ध शासन लंबी अवधि तक इस विश्व में फलते फूलते रहने के लिए हमें बुद्ध के एक सुस्त अनुयायी बनने के बजाय एक तेज अनुयायी बनने की आवश्यकता है। अगर हम बुद्ध के एक तीव्र अनुयायी बनने का कर्तव्य निभाए तो बुद्ध शासन इस दुनिया में लंबे अवधि तक रहेंगे। ”
इसलिए सभी प्राणियों के समृद्धि और आनंदमय के स्रोत बुद्ध शासन लंबी अवधि तक फलते फूलते रहने के लिए हम सभी अपने ज़िम्मेदारी को पहचान कर हमेशा अपने दैनिक जीवन में बुद्ध के एक तेज़ अनुयायी बनने की कोशिश करना चाहिए। बुद्ध के एक तीव्र अनुयायी बनने के लिए हमें बौद्ध दर्शन का अध्ययन करना अति आवश्यक है। हम सिर्फ बौद्ध दर्शन सुनने, विचार करने और ध्यान के माध्यम से ही बुद्ध और परम पावन जी का एक तीव्र अनुयायी बन सकते हैं।
आज हमने एक बौद्ध होने के नाते अपने दैनिक जीवन में बौद्ध दर्शन सीखने और बुद्धत्व प्राप्ति की प्रक्रिया जानने के साथ बुद्ध उपदेशों पर चिंतन मनन और गहन अध्ययन किस प्रकार करने के बारे विचार विमर्श किया है। साथ में यह भी जाना हैं कि बुद्धत्व प्राप्ति करना खुद पर निर्भर करता है। बुद्धत्व प्राप्ति सिर्फ बुद्ध शासन को अच्छी तरह चिंतन मनन और गहन अध्ययन करने से होते हैं।
*बुद्ध शासन का अर्थ क्या है? बुद्ध ने कहा।*
སྡིག་པ་ཅི་ཡང་མི་བྱ་ཞིང་། །
དགེ་བ་ཕུན་སུམ་ཚོགས་པར་སྤྱད། །
རང་གི་སེམས་ནི་ཡོངས་སུ་འདུལ། །
འདི་ནི་སངས་རྒྱས་བསྟན་པ་ཡིན།
सभी पापों का न करना।
पुण्य का संचय करना
अपने चित को परिशुद्ध करना।
यही बुद्ध शासन है।
परम पावन दलाई लामा जी हर समय कहते हैं कि बुद्ध शासन को अच्छी तरह से जानने के लिए आज के समय सबसे अच्छा भाषा भोटी है। क्यों कि बुद्ध शासन पूर्ण रूप से भोटी भाषा में सुरक्षित हैं। आप सभी से निवेदन है कि कृपया भोटी भाषा को अवश्य सीखें।
अन्त में आज हमने जितने भी पुण्य संचित किया है। वह सभी परम पावन दलाई लामा जी की दीर्घायु के लिए समर्पित करते हैं।