आयुर्वेद औषधालय देवठी मझगांव में पिछले कई वर्षाें से डॉक्टर न होने से इस पंचायत की करीब अढाई हजार आबादी को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है जिससे सरकार के घरद्वार पर गुणात्मक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं ।
इस पंचायत के वरिष्ठ साहित्यकार विद्यानंद सरैक, जातीराम कमल, सोमदत शर्मा सहित अनेक लोगों का कहना है कि पूरे रासूमांदर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प पड़ गई है जिससे इस दूरदराज क्षेत्र के लोगों को छुटपुट बिमारी के इलाज के लिए सोलन अथवा राजगढ़ जाना पड़ता है । इनका कहना है कि यदि कोई घटना घट जाए तो क्षेत्र के पांच स्वास्थ्य केंद्रों में कहीं पर भी प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं है ।
विद्यानंद सरैक ने बताया कि टैंला गांव में एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा खोला गया क्लीनिक ही लोगों के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है जहां पर लोगों को मजबूरन इस निजी क्लीनिक पर दवाएं लेनी पड़ती है । सरैक का कहना है आजादी के 73 वर्ष बाद भी क्षेत्र के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं, पक्की सड़कें, निर्बाध बिजली आपूर्ति, स्वच्छ पेयजल, गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में सरकार असर्मथ है जोकि देश व प्रदेश का दुर्भाग्य है और सरकार को गांव के विकास की ओर विशेष ध्यान चाहिए ।
जिला आयुर्वेेद अधिकारी नाहन ने बताया कि चिकित्सकों के पदों को भरना सरकार का विशेषाधिकार है जिसके लिए इस कार्यालय से अनेक बार लिखित रूप में रिक्त पदों को भरने की मांग की गई है ।