शिमला, 4जनवरी
जंगल के आसपास खाली जमीन अब वन भूमि में शामिल होगी। इसे लेकर वन विभाग ने शुरुआत कर दी है। संरक्षित वन में शामिल होने के बाद विभाग जमीन की तारबंदी करेगा और इस जमीन में अवैध कब्जों को खाली करवाएगा। वन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है और इस अधिसूचना से एक दर्जन मुहाल सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। इस बारे में वन भूमि के सटी जमीन के मालिकों से पहले ही बातचीत हो चुकी है। वन विभाग की ओर से सेटलमेंट अधिकारी आम लोगों से चर्चा कर उनकी राय जान चुके हैं। राय जानने के बाद इस संबंध में फाइल वन विभाग मुख्यालय भेजी गई थी और इसके बाद इसे वित्त विभाग को भेजा गया है और अब इस संबंध में अधिसूचना जारी हो गई है।
इस अधिसूचना में वन मंडल शिमला का परिक्षेत्र कोटी शामिल है। यहां जोट, डुबलू, नोहा, लखोटी, कनीना, बलोग, कलौहत व शलैल शामिल है, जबकि वन परिक्षेत्र जुन्गा में देहरादोहाई, मझोली और चवीट को शामिल किया है। वन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यह भूमि अब संरक्षित वन कहलाएगी। वन विभाग इसे संरक्षित करने के लिए तारबंदी करेगा। इस जमीन में कोई अवैध कब्जा पाया जाता है, तो उसे हटा दिया जाएगा। इसके अलावा जिन लोगों की जमीन इस संरक्षित वन भूमि के आसपास है उनकी राय पहले ही ली जा चुकी है। वन विभाग के सेटलमेंट अधिकारी इन लोगों से बातचीत कर चुके हैं। वन विभाग जल्द काम शुरू कर देगा।










