प्रदेश में विभिन्न जगहों पर वीरवार को हुई भारी बारिश,आंधी और ओलावृष्टि के कारण जहा तापमान में भारी गिरावट आई है वहीं दूसरी ओर इस बारिश व आंधी से काँगड़ा जिला के बागवानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खड़ी कर दी हैं। आम, लीची, नींबू के बागवानों को इससे काफी नुकसान हुआ है वहीं बागबानी विभाग ने भी माना है कि इससे फलों की प्रजातियों को भारी नुकसान हुआ है।
बारिश व आंधी की वजह से बागवानों व किसानों के चेहरों पर चिंता है। जो बागवान इस बार आम, नींबू व लीची के लिए बंपर उत्पादन होने का अनुमान लगा रहे थे उनकी सारी उम्मीदों पर बारिश ने पानी फेर दिया है। जानकारी के अनुसार जिला काँगड़ा भर में लगातार हो रही बारिश, ओलावृष्टि व आधी तूफान से जिला के हर कोने से आम, लीची व नींबू प्रजाति के पौधों को नुकसान होने के समाचार मिले हैं। काँगड़ा जिला के इंदोरा और उसके आस पास में आम व लीची की फसल को तो करीबन चालीस से पचास प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। ज्यादातर नुकसान ओलावृष्टि होने से हुआ है।
सुधीर कटौच, प्रेजिडेंट, सोशल वेलफेयर क्लब इंदोरा ने कहा है कि “इंदौरा में अनिश्चित ओलावृष्टि के साथ भारी बारिश ने आम और लीची के बागों को नुकसान पहुंचाया है। यह किसानों के लिए एक नुकसान है और इससे उनका बोझ बढ़ेगा। मैं हिमाचल प्रदेश सरकार से इस कठिन समय में मुआवजा देने की अपील करता हूं”।
वहीं बागवानी विशेषज्ञों की मानें तो फलदार पौधों को सबसे ज्यादा नुकसान ओलावृष्टि के चलते होता है और इस बार बारिश के साथ जिला भर में ज्यादा ओलावृष्टि हो रही है। साथ ही जिला भर में आडू, नाख, नाशपती, अमरूद, टमाटर इत्यादि की तो फसल तो पूरी तरह से तबाह हो गई है और तेज बारिश व ओलावृष्टि ने छोटी फसलों पर पूरा कहर बरपाया है।










