एपीजी विश्वविद्यलय कैंपस में फिर से लौट आई रौनक़
शिमला, जुलाई 31
राजधानी शिमला के स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यलय में एडमिशन की अंतिम तिथि करीब देखते हुए सोमवार को विश्वविद्यलय कैंपस में बड़ी संख्या में नए विद्यार्थी विभिन्न स्नातक, परास्नातक डिग्री प्रोग्राम और डिप्लोमा कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए पहुंचे। एपीजी शिमला विश्वविद्यलय एडमिशन सेल में ही नहीं बल्कि विश्वविद्यलय के विभिन्न एड्मिसन व काउंसलिंग सेल में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए विद्यार्थियों की भीड़ देखी गई और कई विद्यार्थियों के माता-पिता व अभिभावक भी अपने बच्चों की एड्मिसन करवाने के लिए विश्वविद्यलय का दौरा किया और होस्टल भी बुक करवाए। वहीं विद्यार्थियों ने विभिन्न विभागों, पुस्तकालय, मेस, होस्टल और विश्वविद्यलय के सुरम्य कैंपस के आसपास के हरे-भरे वातावरण से रूबरू हुए। एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के एडमिशन व काउंसलिंग विभाग के निदेशक राहुल भंडारी ने बताया कि इस बार विद्यार्थियों की एड्मिसन में एपीजी शिमला विश्वविद्यलय में इज़ाफ़ा हुआ है और बड़ी संख्या में हिमाचल सहित महाराष्ट्र, तमिलनाडु, नार्थ-ईस्ट राज्यों, बंगाल, आंध्रप्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर-प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, मध्यप्रदेश और विदेशी विद्यार्थियों ने विश्वविद्यलय में पढ़ने के लिए पैरामेडिकल कोर्सेज, विज्ञान संकाय, इंजिनीरिंग व टेक्नोलॉजी, पत्रकारिता एवं जनसंचार, फोरेंसिक विज्ञान, होटल मैनेजमेंट व हॉस्पिटैलिटी, फैशन डिजाइनिंग, कंप्यूटर एप्पलीकेशन, मैनेजमेंट व वाणिज्य और बीएएलएलबी, एलएलबी, एलएम के स्नातक और परास्नातक के विभिन्न डिग्री व डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में एडमिशन लिया है। रजिस्ट्रेशन से लेकर अकादमिक रिकॉर्ड व मेरिट के आधार पर नए विद्यार्थियों को एड्मिसन मिली है। एपीजी शिमला विश्वविद्यलय का पढ़ाई के लिए बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर को पाकर विद्यार्थी और उनके साथ आए माता-पिता व अभिभावक काफी खुश दिखे। एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत और प्रो-चांसलर (पूर्व वाईस-चांसलर) प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने इन नए विद्यार्थियों से संवाद भी किया और पूछा कि आपको एपीजी शिमला विश्वविद्यलय क्यों अच्छा लगता है तो इन नए आगंतुक विद्यार्थियों ने कहा कि शिमला और एपीजी शिमला विश्वविद्यलय का कैंपस प्रकृति के बिल्कुल करीब है और अन्य शहरों की भागमभाग और शोर-शराबे से दूर है और एपीजी विश्वविद्यलय का इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतर पढ़ाई करने के लिए बेहद अनुकूल, खूबसूरत, प्रक्टिकल शिक्षा, जॉब-प्लेसमेंट और बेहतर सुविधाओं से लैस है। एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के चांसलर इंजीनियर विक्रांत सुमन और प्रो-चांसलर प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षाओं के दो- तीन महीने के अंतराल के बाद खासकर कोविड महामारी और लॉकडाउन के बाद इस बार नए विद्यार्थियों का अधिक विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश हुआ है और प्रवेश की अंतिम तिथि तक प्रवेश प्रक्रिया जारी रहेगी और विद्यार्थियों का एपीजी शिमला विश्वविद्यलय में पहंचने से फिर से विश्वविद्यलय कैंपस में रौनक लौट आई है। चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत ने कहा कि विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, जॉब-प्लेसमेंट और बेहतरीन शैक्षणिक मौहाल प्रदान करने के लिए एपीजी शिमला विश्वविद्यलय को पुनः रिवाइवल किया जा रहा है और पहले शैक्षणिक सत्र व छात्र-ओरिएंटेशन का आगाज़ विद्यार्थियों को जाने-माने शिक्षाविदों और प्रोफेशनल लोगों के प्रेरक व्याख्यानों से आरंभ हो रहा है। तीन दिन चलने वाले इस नए छात्र-ओरिएंटेशन में नए-पुराने विद्यार्थियों का मेल-मिलाप, प्राध्यापकगण और विद्यार्थियों के बीच संवाद व परिचय, शिक्षाविदों के प्रेरणादायक व्याख्यान के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्पोर्ट्स गतिविधियां और एनसीसी में पंजीकरण आदि गतिविधियों शामिल रहेंगी। चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों व माता-पिता को भरोसा दिलाया कि एपीजी शिमला विश्वविद्यलय का मुख्य फोकस विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रैक्टिकल, आउटकम शिक्षा, स्मार्ट क्लास, मानव गुणों से विकसित व चरित्रवान युवा, बेहतर नागरिक के गुण विकसित करना, आउटरीच टू इंडस्ट्री, जॉब क्रिएटर्स , आत्मनिर्भर युवा और विद्यार्थियों की पूरी पढ़ाई करने के बाद उनकी जॉब-प्लेसमेंट पर है।