शिमला, अगस्त 4
एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के छात्रों के नए बैच को विश्वविद्यलय में शुक्रवार को बिल्कुल नया अनुभव मिला, क्योंकि नए प्रथम वर्ष के छात्रों के स्वागत और फ्रेशर पार्टी के लिए एपीजी शिमला विश्वविद्यलय की ओर से सर्व समावेशी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें नए और पुराने छात्रों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। एपीजी विश्वविद्यलय के सुंदर सभागार में पुराने छात्रों ने नए छात्रों का खुले हाथों से स्वागत किया। कार्यक्रम में लगभग तीन सौ छात्रों ने भाग लिया और नृत्य, गायन, संगीत, हिमाचली पहाड़ी नाटी, नाट्य कला में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और एक ही मंच पर भारत के विभिन्न राज्यों और विदेशी छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पेश की गई और सभागार में उपस्थित प्राध्यापकगण, अतिथियों ने छात्रों की प्रतिभा को खूब सराहा। नए छात्रों और पुराने छात्रों ने विभिन्न राज्यों के परिधानों में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर समा बांधा। पुराने छात्रों ने गणेश वंदना, सरस्वती वंदना व स्वागत गीतों के अलावा हिमाचली पहाड़ी गीत, पंजाबी, हिंदी, अंग्रेज़ी और अन्य राज्यों के गीत प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत, प्रो-चांसलर प्रो. डॉ. रमेश चौहान और वाईस-चांसलर प्रो. आर. एस. चौहान ने बतौर वशिष्ठ अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ पदाधिकारी डीन अकैडमिक प्रो. आनंद मोहन, फॉरेंसिक साइंस की विभागाध्यक्ष डॉ. मनिंदर कौर, विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रोहिणी धरेला, मैनेजमेंट व कॉमर्स विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका बालटू, पैरामेडिकल विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्राची वैद, इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंकित ठाकुर, हॉस्पिटैलिटी व होटल मैनेजमेंट की उप-विभागाध्यक्ष सहायक आचार्य सुमन लता राही और सभी प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद डॉ. अंकित ठाकुर की अगुवाई में वॉलीबॉल और फुटबॉल खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें नए छात्रों ने वरिष्ठ छात्रों की टीमों के साथ बढचकर भाग लिया। कार्यक्रम में एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के वाईस-चांसलर प्रो. आर.एस. चौहान ने छात्रों को संबोधित किया और उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं और कुछ महत्वपूर्ण सलाह दीं और उन्हें बताया कि फ्रेशर्स पार्टी नए लोगों के जीवन में एक शुरुआत का प्रतीक है और यह नए शैक्षणिक वर्ष की सबसे अच्छी शुरुआत करने के बारे में है। प्रो. चौहान ने कहा कि छात्रों को अपनी प्रतिभा को संवारने के लिए एपीजी शिमला विश्वविद्यलय प्रयासरत है और छात्रों को पढ़ाई के साथ अपने देश की माटी, मातृभाषा और संस्कृति को संजोए रखना चाहिए ताकि अपने देश के इतिहास और संस्कृति के आदर्शों से वर्तमान और भविष्य के लोगों को सीख मिलती रही। प्रो. चौहान ने संस्कृति और संगीत से जुड़े आदर्श लोगों का उदाहरण देकर छात्रों का मार्गदर्शन किया वहीं एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के डीन अकैडमिक प्रो.आनंद मोहन ने सभी छात्रों और विश्वविद्यलय प्रबंधन के लिए इस कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद ज्ञापन दिया।