कोविड-19 के चलते लॉकडाउन में नॉर्थ इंडिया के नौकरी पेशा लोगों ने बच्चों की पढ़ाई के जरिये 48 फीसदी रकम बचाई है। लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई का खर्च शून्य से बढ़कर 1166 रुपये प्रतिमाह हो गया। बेरोजगारी की दर में बढ़ोत्तरी हो गई है। 19.6 फीसदी लोगों का रोजगार छिन गया। दो से तीन काम एक साथ करने वाले लोगों में से 30.6 फीसदी के पास महज एक ही काम रह गया है। ये चौंकाने वाले आंकड़े पंजाब यूनिवर्सिटी के यूबीएस विभाग के प्रोफेसर कुलविंदर सिंह, प्रोफेसर गुनमाला सूरी, डॉ. निरवैर सिंह ने लॉकडाउन के बाद नौकरी पेशा लोगों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा? पर किए ऑनलाइन सर्वे में सामने आए हैं।
सर्वे में यह भी सामने आया है कि ट्रांसपोटेशन व मनोरंजन पर जहां खर्च घटा वहीं महंगाई भी आसमान पहुंची। महंगाई की दरें पांच फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक बढ़ी हैं। रोजमर्रा की चीजें महंगी हुई हैं। सर्वे में नॉर्थ इंडिया के चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश व राजस्थान का कुछ भाग सर्वे में शामिल किया गया। 500 लोगों ने सर्वे में हिस्सेदारी दिखाई। ऑनलाइन आए जवाबों का इस टीम ने विश्लेषण किया। टीम का कहना है कि लॉकडाउन के कारण नौकरी पेशा लोगों का भी बड़ा नुकसान हुआ है।
ये हैं आंकड़े
ये हैं चीजें लॉकडाउन से पहले लॉकडाउन के बाद
आमदनी 49501 37216
सेविंग 17344 14422
प्रतिमाह खर्च 25099 17216
हेल्थ 628 572
फूड खर्च 7526 6971
नॉन फूड 8716 4736
एजुकेशन 3465 1810
ऑनलाइन एजुकेशन 00 1166
मनोरंजन 1527 553
ट्रांसपोर्ट 2955 357
(नोट : यह आंकड़े प्रतिमाह के हैं)
वर्जन—
लॉकडाउन का नौकरी पेशा लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा, इसको लेकर समग्र सर्वे ऑनलाइन किया गया। आंकड़े चौंकाने वाले आए हैं। ऑनलाइन शिक्षा पर जहां खर्चा बढ़ा वहीं सामान्य एजुकेशन पर कम हुआ। लोगों की नौकरियां चली गई हैं। महंगाई भी बढ़ गई है। प्रतिमाह आमदनी घटी। इसके कारण सेविंग व खर्च भी कम हुआ।
– प्रो. कुलविंदर सिंह, यूबीएस विभाग पीयू