कृषि में सुधार के लिए केंद्र की ओर से जारी किए गए तीन अध्यादेशों का विरोध कर रहे किसानों से शनिवार को भाजपा की 3 सांसदों की कमेटी ने रोहतक व करनाल में चर्चा कर सुझाव लिए। इस दौरान 20-22 किसान संगठनों ने सुझाव दिए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ वर्चुअल मीटिंग कर इन सुझावों को बताया जाएगा। कमेटी ने कहा, ‘हमारी सबसे बड़ी कमी ये रही कि हम इन अध्यादेशों के बारे में किसानों को समझा नहीं पाए।
इससे यह स्थिति बनी है। इसमें कोरोनाकाल में किसानों तक न पहुंच पाना बड़ा कारण रहा।’ कमेटी में शामिल सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि किसानों पर लाठीचार्ज बिल्कुल भी उचित नहीं था। बैठक में भाकियू के पदाधिकारी नहीं पहुंचे। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष का कहना है कि उन्हें कमेटी की बैठक के लिए कोई न्योता नहीं दिया गया। सरकार सिर्फ चहेते संगठनों व लोगों से बातचीत कर गुमराह करने में जुटी है।
आढ़ती बोले- अध्यादेश और केस वापस नहीं लिए तो हड़ताल करेंगे
कैथल में प्रदेशभर के आढ़तियों ने भी बैठक की। आढ़तियों ने कृषि अध्यादेशों को वापस लेने, आढ़तियों का लस्टर लॉस व बकाया राशि का भुगतान करने व किसानों पर दर्ज केस रद्द करने के लिए सरकार को 5 दिन का समय दिया है। अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो 18 सितंबर से मंडियों में हड़ताल की जाएगी।