कोरोना की वजह से कामधेनु और सुपर दूध की सप्लाई करने वाली कंपनियों ने 25 मार्च से दूध का संग्रहण बंद कर दिया है। इससे आने वाले दिनों में लोगों को दूध के संकट का सामना करना पड़ेगा। दूध संग्रह न होने से बिलासपुर के 4500 किसान परिवारों को संकट का सामना करना पड़ेगा। कंपनियों का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते, दूध का संग्रह नहीं होगा।
कंपनियां प्रतिदिन 31000 लीटर दूध इन पशुपालकों से इकट्ठा करती हैं। यह दूध पिपलुघाट व नम्होल के प्लांटों से प्रोसेस कर बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, सोलन आदि जिलों में वितरित होता है। कामधेनु हितकारी मंच के महासचिव जीतराम कौंडल ने कहा कि प्रशासन की एडवाइजरी का पालन करेंगे।
सुपर दूध संग्रहण के हिमाचल के प्रभारी विक्रम ने बताया कि कंपनी बिलासपुर और सोलन के करीब 1500 पशुपालक से रोजाना 6000 लीटर दूध लेकर पिपलुघाट और जुखाला स्थित प्लांटों में प्रोसेस करने के बाद दूध का वितरण करती है। अभी कोरेना वायरस की वजह से दूध का संग्रहण व वितरण रोक दिया है। प्रशासन की तरफ से जो आदेश होंगे, उनका पालन करेंगे।