कृषि कानूनों को लेकर पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र अब दो दिन का होगा। इस दौरान सदन के अंदर और बाहर दोनों ही जगह हंगामा होने के पूरे आसार हैं। कांग्रेस एक ओर अपने विधायकों और मंत्रियों के साथ मीटिंग कर रणनीति बना चुकी है। वहीं, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल भी सरकार को घेरने के लिए अपने दलों के विधायकों से सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों को डिस्कस करने के साथ सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा कर चुके हैं।
सदन में खासतौर पर कृषि बिलों के साथ विपक्षी दल द्वारा पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप मामले और सत्र से पहले एजेंडा नहीं दिए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधेगी। इस बार का यह सत्र ऐतिहासिक साबित होगा।
क्योंकि एक ओर जहां इसमें केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार द्वारा बिल पेश किया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर अपनी पहले की पार्टी से जुदा होकर अलग हुए विधायक भी अपनी ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधते नजर आएंगे। कृषि कानूनों का मुद्दा सरगर्म होने के बावजूद पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के सदन में आने पर अभी असमंजस बरकरार है।