भड़ोली में बीते दिनों आयोजित जनमंच कार्यक्रम में केवल 47 शिकायतों की सुनवाई के लिए सरकार ने लाखों रूपये लुटा दिए और किसी भी समस्या का ठोस समाधान नहीं निकल सका । अधिकारी अपने बचाव में केवल आश्वासन देते रहे । गौर रहे कि जनमंच में टैंट, कुर्सियां, सोफा लंगर इत्यादि पर दो लाख की राशि व्यय की गई । जिसकी पुष्टि खंड विकास अधिकारी राजगढ़ अरविंद गुलेरिया ने की है। इसके अतिरिक्त जिला व उप मंडल स्तर के सभी अधिकारी नाहन व राजगढ़ से सरकारी वाहनों में कार्यक्रम में पहूंचे । यही नहीं जनमंच से एक सप्ताह पहले से ही उप मंडल व जिला स्तर के अधिकारी व कर्मचारी सरकारी वाहनों से जनमंच के प्रबंधन और प्री जनमंच गतिविधियों के लिए क्रियाशील रहे । अर्थात लाखों रूपये का पेट्रोल व यात्रा भत्ता जनमंच कार्यक्रम ने नाम पर फूंका गया ।
बता दें कि राजगढ़ ब्लॉक की कोटी पधोग पंचायत के भड़ोली में बीते 12 सिंतबर को स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में जनमंच कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । जिसमें कुल 47 शिकायतों की सुनवाई हुई । एक सप्ताह के प्रचार के बावजूद केवल 35 शिकायतें एसडीएम राजगढ़ के पहुंची । जबकि 12 शिकायतें मौके पर लोगों ने दर्ज करवाई । सबसे अहम बात यह है कि जिन शिकायतों पर जनमंच में चर्चा हुई वहीं मुददे बीते दो वर्ष पहले साथ लगते गांच देवठी मझगांव में आयोजित जनमंच कार्यक्रम में ं लोगों द्वारा उठाए गए थे। उस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे काबीना मंत्री डॉ0 रामलाल मारकंडा ने इन मुददों पर अधिकारियों को काफी लताड़ भी लगाई गई थी । परंतु इनका आज तक कोई समाधान नहीं हो सका था । सबसे चर्चित मुददों में धारटू खाड़ी सिंचाई योजना जिसका निर्माण कार्य बीेते 16 वर्षों से अधर में लटका हुआ है। इसी प्रकार पझौता व रासूमांदर की विभिन्न सड़कों, पेयजल और बिजली सबंधी समस्याएं जस की तस पड़ी है । जनमंच में सर्वाधिक भाजपा के सैंकड़ों कार्यकर्ता मंत्री के समक्ष अपनी हाजिरी भरने आए थे । जबकि शिकायते केवल 47 थी ।
रासूमांदर की कोटी पधोग के पूर्व प्रधान अरूण मेहता, विद्यानंद सरैक, जातीराम कमल, जगमोहन मेहता, रमेश सरैक, प्रधान मस्तराम भारती सहित अनेक लोगों का कहना है कि समस्याएं जनमंच से नहीं बल्कि विकास कार्यों के कार्यान्वयन में सकारात्मक सोच व ठोस निर्णय लेने से समाधान सुनिश्चित होगा । इन्होने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि रासूमांदर के चार आयुर्वेदिक डिस्पेंस्रियांे में वर्षाें से डॉक्टर नहीे है परंतु स्वास्थ्य मंत्री ने इस बारे कोई जिक्र तक नहंी किया । पीएचसी कोटी पधोग में जनमंच से दो दिन पहले डॉक्टर भेज दिया ताकि जनमंच में यह मुददा न उठे। बताया कि एक तरफ सरकार कर्जों की बैसाखियों के सहारे चल रही है दूसरी ओर जनमंच में अनावश्यक तौर पर लाखों रूपये लुटा कर लोगों को कोई फायदा नहीं हो पा रहा है । बताया कि इससे पहले भी प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम हुआ करता था जिसमें इससे ज्यादा लोगों की समस्याओं का समाधान हुआ करता था ।