कोरोना से बचाव के लिए प्रदेश के कई अभिभावक जुलाई में भी स्कूलों को बंद ही रखने के पक्ष में हैं। कुछ अभिभावकों ने बोर्ड कक्षाएं जुलाई से एहतियात बरतते हुए शुरू करने की वकालत की है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने वेबिनार से अभिभावकों, प्रिंसिपलों और उपनिदेशकों की राय जानी।
ऑनलाइन स्टडी को लेकर भी सुझाव दिए गए। निदेशक ने बताया कि पहले चरण में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों और स्कूल प्रिंसिपलों के साथ चर्चा की गई। अगले चरण में निजी स्कूलों के साथ चर्चा की जाएगी। सभी सुझावों की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। इन सुझावों को लेकर एक्जिट प्लान तैयार किया जाएगा।
प्रदेश में अभी 15 जून तक स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने जुलाई में स्कूलों को खोलने की घोषणा की है। ऐसे में 15 जून के बाद दोबारा स्कूलों को बंद करना तय है।
मार्च से बंद चल रहे स्कूलों को खोलने के लिए सरकार ने कई विकल्प तैयार किए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक ने वीरवार को सभी जिलों के साथ सुबह 11 बजे से दो बजे तक पंद्रह-पंद्रह मिनट तक वेबिनार से चर्चा की। ऑनलाइन स्टडी को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें और अधिक सुधार लाने को सुझाव लिए गए। दूरदर्शन से पढ़ाई के बारे में पूछा गया।
क्या बदलाव ऑनलाइन पढ़ाई में किए जा सकते हैं, इसको लेकर भी अभिभावकों से पूछा गया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कई अभिभावक जुलाई में भी स्कूल खोलने के हित में नहीं हैं। कुछ अभिभावकों ने बच्चों की कम संख्या वाले स्कूलों को खोलने की पैरवी की। कुछ ने बोर्ड कक्षाओं को जुलाई से शुरू करने की मांग की।
सभी अभिभावकों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहुत अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत बताई। छोटे बच्चों के स्कूलों को फिलहाल न खोलने का अधिकांश अभिभावकों ने सुझाव दिया। अभिभावकों ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर डर और चिंता जताई।