हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जेओए आईटी पेपर लीक मामले में नामित आरोपी नितिन आजाद की जमानत रद्द कर दी है। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने अपने निर्णय में कहा कि नितिन गंभीर आरोपों का सामना कर रहा हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जमानत मिलने के बाद याचिकाकर्ता कानूनी परिणामों से बचने के लिए फरार हो सकता है। अदालत ने पाया कि जांच एजेंसी ने अभी तक इस मामले की जांच पूरी नहीं की है।
जांच एजेंसी को शक है कि वह किसी अन्य समानांतर मामले में संलिप्त हो सकता है। आरोपी नितिन आजाद के खिलाफ पुलिस थाना सतर्कता हमीरपुर में मामला दर्ज है। अभिलाष कुमार की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस को शिकायत की गई कि संजीव कुमार उर्फ संजय ने उसे जेओए (आईटी), पोस्ट कोड संख्या 965 की परीक्षा के पेपर चार लाख रुपये में बेचने की बात कही थी।
उसके बाद शिकायतकर्ता ने संजीव कुमार की बातचीत रिकॉर्ड करनी शुरू कर दी। उसके बाद प्रश्न पत्र के लिए कीमत पर ढाई लाख रुपये में सौदेबाजी की गई। प्रश्न पत्र के लिए संजीव कुमार ने शिकायतकर्ता का परिचय निखिल नाम के व्यक्ति से करवाया।
इसके बाद संजीव कुमार और निखिल ने प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी उपलब्ध कराने की पेशकश की। पुलिस ने मामले की जांच के बाद संजीव कुमार उर्फ संजय, निखिल, नीरज और उमा आज़ाद को गिरफ्तार किया। मामले की आगामी जांच में नितिन आरोपी पाया गया और उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया।