सोलन और उसके आस पास के क्षेत्र में इन दिनों तैयार टमाटर की फसल को अचानक बीमारी लगने से किसानों को रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है।
कुनिहार से करीब 4 किलोमीटर दूर कंडला, आऊन, शीत, सियारी आदि गांवों में टमाटर खीरा आदि फसल अचानक रोग ग्रस्त होना शुरू हो गई, जिसके कारण किसानों की चिंताएं बढऩा शुरू हो गई हैं।
हैरानी का विषय यह है कि जिन खेतों में तैयार टमाटर के पौधे सूखने लगे उन खेतों में सिंचाई की कोई कमी नहीं थी व किसानों द्वारा समयानुसार कीटनाशक दवाइयों का भी छिड़काव किया गया था। लेकिन किसानों द्वारा हजारों रुपए बीज, कीटनाशक व अन्य सामान पर खर्च करने के बाद भी तैयार फसलें खराब हो रही हैं।
किसानों का कहना है कि उन्होंने ऋण लेकर खेती की है। खेतीबाड़ी ही उनकी रोजी रोटी का साधन है। अगर ऐसे ही फसलें खराब होती रही तो उन्हें रोजी रोटी के संकट का सामना करना पड़ सकता है।
दूसरी समस्या देश में जारी लॉकडाउन के चलते किसान तैयार उत्पादों को भी सब्जी मंडी तक नहीं पंहुचा पा रहे हैं। जैसे-तैसे करके अगर फसल को मंडी तक भी पंहुचाया जा रहा है तो उसका पर्याप्त लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। किसान हीरा लाल, नानक चंद, नरोत्तम दास, राजकुमार, नरेश कुमार, जट्टू राम आदि ने कहा कि टमाटर एवं अन्य तैयार मौसमी सब्जियां अचानक रोग ग्रस्त होने लग गई हैं। किसानो को भारी मात्रा में आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ा है। कुनिहार एवं आस-पास के अधिकतर गांवों में किसान टमाटर के साथ साथ अन्य मौसमी सब्जियों का भारी मात्रा में उत्पादन करते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्र में ही तैयार टमाटर एवं अन्य मौसमी सब्जियों के लिए मंडी स्थापित होगी तो किसानो को इधर-उधर की मंडियों के चक्कर नहीं काटने पडेंगे। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि किसानों को कुछ आर्थिक सहायता की जाए व कुनिहार क्षेत्र में तैयार उत्पादन की खपत हेतु सब्जी मंडी को खोला जाए। सदस्य मार्किट कमेटी सोलन एवं प्रदेश सचिव किसान मोर्चा दलीप पाल ने कहा कि देश में जारी लॉकडाउन के चलते किसानों के तैयार उत्पादों को मंडियों तक पंहुचना थोडा कठिन हो रहा है।