हिमाचल में नकली मैसेज भेजकर)ठगी करने वाला पहला आरोपी गिरफ्तार
कुल्लू पुलिस ने साइबर क्राइम का एक नई तरह का अपराध का पर्दाफाश किया है पुलिस थाना मनाली में एक शिकायतकर्ता ने रिपोर्ट करी की यह अमेजन कंपनी में मनाली में स्थित ऑफिस में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता है और करीब 20 से 25 दिन पहले एक आदमी अमेजन कंपनी के दफ्तर मनाली में आया , उसने बताया कि उसने कोई लैपटॉप ऑनलाइन ऑर्डर कर रखा है और उसे वह लैपटॉप लेना है जिस पर कंपनी के कर्मचारी ने रिकॉर्ड चेक किया, तो एक आर्डर आया हुआ था उस आर्डर को उस व्यक्ति को देने के समय *कैश ऑन डिलीवरी* का ऑप्शन दिया गया था उस आदमी से डिलीवरी ब्वॉय ने लैपटॉप लेने के एवज में cash देने बात की उस आदमी ने कहा कि उसके पास अभी cash नहीं है और ना ही वह कोई गूगल पे इत्यादि चलाता है परंतु वह नेट बैंकिंग से डिलीवरी बॉय को ₹30000 की रकम जो लैपटॉप की एवज में जानी है उसको वह दे सकता है उस समय कंपनी के किसी कर्मचारी के पास या कंपनी का कोई ऐसा अकाउंट नंबर उपलब्ध नहीं था इसलिए डिलीवरी ब्वॉय ने अपना बैंक अकाउंट उसको दे दिया उस लड़के ने ₹30000 का एक मैसेज डिलीवरी ब्वॉय के मोबाइल पर भिजवाया जिसमें लिखा था कि ₹30000 आपके खाते में जमा हो गए हैं डिलीवरी ब्वॉय को भरोसा हो गया कि पैसे आ गए हैं और लड़के को लैपटॉप दिया गया और लड़का लैपटॉप लेकर चला गया ! शाम के समय जब कंपनी ने हिसाब मांगा तो डिलीवरी बॉय ने सारा हिसाब किया और जब पैसे निकालने लगा तो पाया कि उसके खाते में तो वह पैसा आए ही नहीं और वह देख कर हैरान हो गया कि message आया है लेकिन पैसा नहीं आया तो उसे लगा कि शायद इसका मोबाइल काम नहीं कर रहा है फिर उसने बैंक में जाकर पता किया एटीएम से पैसे निकालने की कोशिश की और पाया कि उसके खाते में ₹30000 आए ही नहीं जिस पर उसे लगा कि शायद किसी टेक्निकल फॉल्ट की वजह से ऐसा हुआ होगा उसके पश्चात उसने उस आदमी को फोन करने की कोशिश की परंतु उस ने डिलीवरी ब्वॉय का मोबाइल नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया इसके पश्चात डिलीवरी ब्वॉय ने उसे ढूंढने का प्रयास किया परंतु कहीं भी उस की जानकारी नहीं मिल पाई डिलीवरी ब्वॉय को लगा कि अब वह ठगा जा चुका है इसलिए उसने पुलिस में रिपोर्ट कर दी, साइबर पुलिस ने जब चेक किया तो पाया कि जो मैसेज डिलीवरी ब्वॉय को पैसे का भेजा गया था वह फर्जी है और एक ऐप से नकली तैयार किया गया है।
कुल्लू पुलिस ने तुरंत आरोपी की तलाश शुरू की और इसे मनाली के एरिया से पकड़ा जिसने पूछताछ करने पर पुलिस को अपना नाम अरविंद बताया और आधार कार्ड भी दिखाया जो आरोपी की रिहाइश की गहन सर्च करने पर पता चला कि इसका असली नाम सौरव मित्रा पुत्र श्री सुब्रत मित्रा निवासी जिला नाडिया वेस्ट बंगाल उम्र 30 है।जो आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की आरोपी की अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि यह एक बहुत बड़ा ठग है और साइबर क्राइम का master है उसने बिहार में एक लड़के के साथ 8 लाख रूपए की ठगी की है अपने आपको यह आदमी डिस्कवरी चैनल का एंपलाई बताता है और डिस्कवरी चैनल के नाम पर भी ठगी करता है इसने बिहार के गया में भी एक व्यक्ति के साथ ठगी की है इसने अपने आप को डिस्कवरी चैनल का डायरेक्टर बताया था और कुछ डॉक्यूमेंट भी उसको दिखाए थे इसके साथ-साथ इसमें शिमला में भी डिस्कवरी चैनल के लिए लोगों को काम करने के लिए धोखाधड़ी से शूट करवाए जो चितकुल में भी करवाए गए और उन लोगों का भी 3 लाख 30 हजार रुपया ठगा है , इसके पश्चात इसने किन्नौर के भी कुछ लोगों के साथ 4.5 लाख की ठगी की है अभी तक प्राथमिक जानकारी हासिल की जा रही है कि इस ने किस तरह लोगों को शिकार बनाया है कहां-कहां शिकार बनाया है इसके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की जा रही है अभी तक यह भी पाया गया है कि ठग बेहद शातिर है अच्छी इंग्लिश बोलता है और खुद को ITI engineer बताता
है कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान रखता है और हाल ही में मनाली में 10000 रुपए महीना कमरा किराए पर लोगों को फ्रॉड करने की कोशिश कर रहा था और बता रहा था कि यह डिस्कवरी चैनल में काम करता है और प्रमोशन का काम लेकर लोगों के लिए ऐड कर रहा है
कुल्लू पुलिस आम जनता से आग्रह करती है कि इस तरह का फ्रॉड अगर कहीं भी हुआ है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें इस तरह के फ्रॉड को *बल्क मैसेज* फ्रॉड कहते हैं , कुछ साइबर अपराधी *बल्क मैसेज* टेलीकॉम कंपनियों /य प्ले स्टोर से मैसेज एप डाउनलोड करके उसका दुरुपयोग करते हुए, खरीद लेते हैं और उनका मिस यूज लोगों को ठगने के लिए करते हैं बहुत सारे लोगों ने देखा होगा कि उनको जाने अनजाने में कई तरह के मैसेज आते हैं जिनमें लॉटरी लगने के लिए , इंश्योरेंस के नाम पर ठगी के लिए, चेहरा पहचानो प्रतियोगिता के लिए, इत्यादि के मैसेज आते हैं इसी तरह यह अपराधी लोगों को पैसे देने की एवज में फेक मैसेज बनाकर, मोबाइल नंबर से मैसेज डिलीवर करवाता था जो नंबर कंपनी का लगता था कि संबंधित कंपनी से ही वह मैसेज आया है।
आरोपी इतना शातिर और चालाक है कि इसने अरविंद व्यक्ति के नाम से एक नकली आधार कार्ड बना रखा है जिसका प्रयोग करके यह मनाली में एक क्वार्टर लेकर रह रहा था इसका असली नाम सौरव mitra है जबकि सबको अपना नाम यह अरविंद बताता है यह नकली आधार कार्ड इसने चंडीगढ़ से बनवाया है ।आरोपी के पास से निम्नलिखित रिकवरी अभी तक हुई है-
1 Bolero vehicle in name of Arvind
6 sim cards
2 mobile
1 Pen drive
6 Pass book
2 Cheque book
3 ATM cards
3 Adhar card,1 in name of Arvind
अभी तक आरोपी के खिलाफ निम्न मुकदमे पंजीकृत पाए गए हैं
1. CASE FIR No. 457/18 DTD 05/12/2018 U/S 406,420 ,411 IPC PS RAMPUR DISTT. GAYA ,
2. FIR 490/18 DTD 03/12/2018 U/S 406,420IPC PS CIVIL LINES DISTT GAYA
3. FIR NO. 550/18 U/S 406,420,411 Dt 28.11.2018
मनाली के PS द्वारा F I R No 149/2020 u/s 420 केस फ़ाइल होगया है।