हिमाचल के प्रमुख 35 मंदिरों में प्रदेश सरकार लॉकडाउन में चढ़ावा बढ़ाने की कवायद में जुटी है। सरकार के अधीन अधिकांश मंदिरों के देश-विदेश में बैठे श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन करवाएगी, ताकि इससे कमाई हो और मंदिरों का रखरखाव व मंदिर कर्मचारियों का वेतन दिया जा सके।
लाकडाउन में मंदिरों के कपाट बंद रहने से ऐतिहासिक मंदिरों की आय का ग्राफ गिरा गिरा है, जबकि मंदिरों के खर्चे में कटौती नहीं हुई। केंद्रीय गाइडलाइन के अनुसार आठ जून को मंदिर दर्शन के लिए खुल जाएंगे, लेकिन हिमाचल में अभी असमंजस है।
अब ऑनलाइन मंदिरों के दर्शन से ही आय बढ़ाई जा सकती है। सरकार के अधीन 35 मंदिरों में वर्ष 2019 में 130 करोड़ की आय हुई।
मंदिरों के रखरखाव और कर्मचारियों के वेतन पर सौ करोड़ की राशि व्यय हुई है। इस साल मंदिरों की कमाई दो फीसदी रही। सरकार ने करोड़ों की आय वाले मंदिरों के साथ छोटे मंदिरों का अधिग्रहण भी कर रखा है।
इनमें लक्ष्मी नारायण मंदिर, बौद्ध मंदिर, रघुनाथ मंदिर, छोटा अखाड़ा मंदिर, बड़ा अखाड़ा मंदिर, दत्तात्रेय मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, टेडा मंदिर आदि कई मंदिर हैं। इसके अलावा श्री नयनादेवी मंदिर, बज्रेश्वरी, चामुंडा, चिंतपूर्णी माता मंदिर, ज्वालाजी, भीमा काली, बाबा बालक नाथ, संकट मोचन मंदिर शिमला, तारादेवी मंदिर, जाखू मंदिर, बाला सुंदरी आदि प्रमुख हैं। इन मंदिरों में श्रद्धालु नकदी और सोना-चांदी भी चढ़ाते हैं।