शिमला 12 जुलाई
पीरन पंचायत की प्राथमिक पाठशाला धाली में बीते एक वर्ष से स्थाई अध्यापक ने होने से 64 बच्चों का भविष्य दाव पर लगा है । विभाग द्वारा केवल अस्थाई व्यवस्था की गई है अर्थात क्रमवार एक अघ्यापक को डेपूटेशन पर भेजा जाता है। पांच कक्षाओं को पढ़ाने के लिए एक अध्यापक नाकाफी है । सबसे अहम बात यह है कि एक कमरे में 64 बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । बता दें कि क्षेत्र के अनेक स्कूलों में बच्चे कम और अध्यापक ज्यादा है जिनका युक्तिकरण किया जाना आवश्यक है ।
प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष डाॅ0 कुलदीप तंवर ने विभाग की इस लचर व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं । उन्होने बताया कि गत 29 जून को हिमाचल किसान सभा ने मुख्यमंत्री से स्कूल में अध्यापक की नियुक्ति का आग्रह किया था जिसका संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग ने हिमाचल किसान सभा को आश्वस्त किया था कि स्कूल में तुरंत ही एक नियमित अध्यापक की नियुक्ति कर दी जाएगी लेकिन अभी तक स्कूल में अध्यापक नियुक्त नहीं किया गया है। स्थिति अभी भी यथावत बनी हुई है। अध्यापक सप्ताह भर के लिए प्रतिनियुक्ति पर आते हैं और चले जाते हैं।
डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि धाली स्कूल के बच्चों के भविष्य के साथ विभाग द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है। बताया कि स्कूल में अब बच्चों की संख्या 62 से बढ़कर 64 हो गई है । लिहाजा इस स्कूल में अधिकतर गरीब और दलित परिवारों के बच्चे हैं। अगर जल्दी स्कूल में अध्यापक नियुक्त न किए गए तो बच्चे स्कूल छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे ।
डॉ. तंवर ने कहा कि आसपास के स्कूलों की दूरी लगभग 7-8 किलोमीटर है। डॉ. तंवर ने शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि स्कूल में अध्यापक की नियुक्ति शीघ्र की जाए ताकि गरीब और दलित समुदाय के बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बच सके ।