भारतीय कृषि में प्राकृतिक और जैविक खेती, और रासायनिक खेती के वर्तमान परिदृश्य और आगे का रास्ता विषय पर आधारित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हाल ही में सोसाइटी ऑफ कृषि विज्ञान द्वारा मध्य प्रदेश के उज्जैन में किया गया। इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन राजमाता विजय राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर ने साथ मिलकर किया गया। इस सम्मेलन में देश भर के 175 कृषि वैज्ञानिकों एवं विषय वाद विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
इस सम्मेलन में देश-विदेश में ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों ने 11 मुख्य व्याख्यान प्रस्तुत किए। इसमें 12 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें 39 मौखिक प्रस्तुति दी गई एवं 27 शोध पत्र वैज्ञानिकों द्वारा पोस्टर के माध्यम से प्रस्तुत किए गए। विशेष वैज्ञानिकों की समिति ने इन शोध पत्रों को जांचने के बाद बेहतरीन शोध पत्रों को चुना और इन चुने हुए शोध पत्रों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। इस सम्मेलन में डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के वैज्ञानिकों ने कुल सात पुरस्कार हासिल किए।
इस कार्यशाला में डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के पांच वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया। कृषि विज्ञान केंद्र कंडाघाट से डॉ आरती शुक्ला और डॉ अनुराग शर्मा ने विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। चंबा कृषि विज्ञान केंद्र से डॉ केहर सिंह ठाकुर और डॉ सुशील धीमान, जबकि कृषि विज्ञान केंद्र ताबो से डॉक्टर निधीश गौतम ने विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। डॉ आरती शुक्ला और डॉ केहर सिंह ठाकुर को बेस्ट एक्सटेंशन साइंटिस्ट के अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त डॉ निधीश गौतम ने यंग साइंटिस्ट अवार्ड अपने नाम किया। डॉ अनुराग शर्मा ने मौखिक प्रस्तुति के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार जीता। डॉ केहर सिंह ठाकुर, डॉ सुशील धीमान और निधीश गौतम को बेहतरीन पोस्टर प्रस्तुति के लिए भी पुरस्कृत किया गया। सभी वैज्ञानिकों को उनकी उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल और सभी वैधानिक अधिकारियों ने बधाई दी।