डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में 77वां स्वतंत्रता दिवस आज मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल द्वारा विश्वविद्यालय के डॉ एलएस नेगी सभागार परिसर में तिरंगा फहराया गया। विश्वविद्यालय के वैधानिक अधिकारी, विभागाध्यक्ष, एनसीसी ऑफिसर, विश्वविद्यालय की सभी कर्मचारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के 105 एनसीसी कड़ेट्स और एनएसएस वॉलंटियर द्वारा परेड में हिस्सा लिया गया। विश्वविद्यालय में कार्यरत 21 सुरक्षाकर्मियों की एक टुकड़ी ने भी इस परेड में भाग लिया। मुख्य अतिथि द्वारा परेड का निरीक्षण किया गया और सलामी ली गई।
अपने संदेश में प्रोफेसर चंदेल ने छात्रों और संकाय को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के अथक प्रयासों को नमन किया जिनके संघर्ष और निस्वार्थ बलिदान से देश को आज़ादी मिली और हमारा देश आज दुनिया में सबसे तेज़ी से आगे बढ्ने वाला देशों में शुमार है। प्रोफेसर चंदेल ने विद्यार्थियों और कर्मचारियों से राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कर्तव्यदायी और जिम्मेदार नागरिक बनने का आग्रह किया और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के आदर्शों को आगे बढ़ाने की अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को स्वतंत्रता के वास्तविक अर्थ और महत्व को समझना चाहिए जो हमारे पूर्वजों के वर्षों के बलिदान के कारण हमें हासिल हुई है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।
प्रोफेसर चंदेल ने इस अवसर पर हिमाचल में पिछले एक माह में आई प्राकृतिक आपदा में जान गवानें वाले व्यक्तियों को श्रद्धांजली दी और पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना की। उन्होनें विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का इस आपदा के समय में मुख्यमंत्री राहत कोष में 26 लाख रुपये (वर्तमान में कर्मचारी) और 17 लाख रुपये (सेवानिवृत कर्मचारी) का योगदान देने के लिए धन्यवाद किया। उन्होनें एक बार फिर से सभी कर्मचारियों और विशेषकर छात्रों को आगे आने का आग्रह किया और अपने स्थर पर पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया और कहा कि यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सही माएने में श्रद्धांजली होगी।