प्रदेश युवा कांग्रेस सचिव रजनीश मेहता ने शिक्षक एवं शिक्षित वर्ग को लेकर सरकार के सामने गंभीर सवाल उठाए हैं। रजनीश मेहता ने सरकार के समक्ष आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा हिमाचल प्रदेश में लगभग 4500 प्राइवेट स्कूल हैं और इन स्कूलों ने करीब करीब 75 से 80 हजार शिक्षक ,लैब अटेंडेंट ,लिपिक लेखांकन, ड्राइवर एवं चतुर्थ श्रेणी के लोगों को रोजगार मुहैया करवाया हुआ है।
परंतु करोना जैसी वैश्विक महामारी के कारण करीब 80 हजार परिवारों का भविष्य खतरे में आ गया है।
रजनीश मेहता ने सरकार से मांग की है कि प्राइवेट संस्थानों की बसों पर जो पैसेंजर टैक्स, टोकन टैक्स ,मासिक इंस्टॉलमेंट जैसी व्यय है, उन्हें माफ कर देना चाहिए ताकि इस संकटकाल में प्राइवेट स्कूल अपने वजूद को बनाए रखने में कायम रहे साथ ही उन्होंने निजी शिक्षण संस्थान संचालकों से भी अनुरोध किया है कि जो व्यक्ति स्कूल फीस देने में सक्षम नहीं है उनकी फीस माफ कर देनी चाहिए ऐसा करने से हम अपने शिक्षित वर्ग के साथ-साथ देश की भावी पीढ़ी को भी बचा सकते हैं।