प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा के अन्तर्गत आज 88.87 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की। इसके माध्यम से मनरेगा के अन्तर्गत सामग्री घटक की देनदारियों का भुगतान किया गया।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके अतिरिक्त ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा के अन्तर्गत दूसरे ट्रैंच के लिए उपयोगिता प्रमाण-पत्र सहित प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया है और केंद्र से शीघ्र ही धनराशि जारी हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए वर्ष 2021-22 में मनरेगा के अन्तर्गत 250 लाख कार्य दिवस अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी तक प्रदेश में 209.11 लाख कार्य दिवस अर्जित किए जा चुके हैं। माहवार लक्ष्य के विरूद्ध अक्तूबर तक 200.74 लाख लक्ष्य के विरूद्ध 209.11 लाख लक्ष्य अर्जित कर दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में 567.77 करोड़ रुपये, 2018-19 में 849.48 करोड़ रुपये, 2019-20 में 708.97 करोड़ रुपये, 2020-21 में 988.95 करोड़ रुपये और 2021-22 में 673.41 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अभी तक कुल व्यय/देनदारी 778 करोड़ रुपये है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि विभाग द्वारा वित्त विभाग के साथ काॅर्पस तैयार किया गया है जिसके अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में 100 करोड़ रुपये अग्रिम राशि राज्य रोजगार गारंटी निधि में सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए पश्चात् जमा कर दी गई है तथा इसे शीघ्र ही जारी किया जा रहा है ताकि सामग्री की आपूर्ति की जा सके।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को मनरेगा के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 का उपयोगिता प्रमाण पत्र दो दिनों के भीतर भेज दिया जाएगा। जिलों से जो प्रस्तावनाएं प्राप्त हुई हैं, उनका अवलोकन करने पर यह पाया गया कि कुछ प्रस्तावनाएं सही नहीं है। इस सम्बन्ध में विभाग ने समस्त अतिरिक्त उपायुक्त/परियोजना अधिकारियों से इस विषय पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा की और संशोधित प्रस्तावनाएं विभाग को शीघ्र ही प्रस्तुत की जाएंगी।