मंडी, 16 जुलाई :
‘थैंक्स सीएम सर, आपकी मदद से हम अपने पैरों पर खड़े हो सके, अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी भी उठा ही रहे हैं और रोजगार मांगने नहीं देने वाले बन गए हैं।’
मुख्यमंत्री स्वावंलबन योजना एवं मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत अपना कामकाज शुरू करने वाले सैंकड़ों लाभार्थियों की तरह ही मंडी के पनारसा गांव के अश्विनी राठी, गुटकर के नित्यानंद वर्मा, सराज क्षेत्र की सुनीता देवी और कोटली तहसील के सेहली गांव की रमा देवी ने इन शब्दों के साथ मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार जताया।
मुख्यमंत्री स्वावंलबन योजना व मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के मंडी जिला के लाभार्थियों ने गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के एनआईसी कक्ष में मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर के वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए आयोजित वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में शामिल होने के उपरांत अपने अनुभव साझा करते हुए यह बातें कहीं।
पनारसा के अश्विनी राठी ने मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत लाभ प्राप्त कर एनआईटी हमीरपुर के साथ काम करते हुए प्रोटोटाईप विकसित किया है, वहीं गुटकर के नित्यानंद वर्मा ने मुख्यमंत्री स्वावंलबन योजना से मदद लेकर कंक्रीट ब्लॉक बनाने और सराज क्षेत्र की सुनीता देवी ने बैग बनाने का उद्योग लगाया है और इनसे अच्छी खासी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार दिया है। सेहली गांव की रमा देवी ने मुख्यमंत्री स्वावंलबन योजना में सस्ती दरों पर ऋण लेकर जेसीबी मशीन खरीदी है ।
*मिला तरक्की की नई इबारत लिखने का हौंसला*
लाभार्थियों ने उनके भविष्य की फिक्र करने और मददगार पहलों के लिए मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकार की इन योजनाओं ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने और तरक्की की नई इबारत लिखने का हौंसला दिया है।
बता दें कि संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना एवं मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के लाभार्थियों से वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए सीधा संवाद किया, उनके काम धंधे की स्थिति और जरूरतें जानीं और हौंसला बढ़ाते हुए आगे भी सरकार की ओर से इसी तरह मदद का भरोसा दिया।
मंडी में उपायुक्त कार्यालय के एनआईसी कक्ष में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग की व्यवस्था की गई थी, जहां इन योजनाओं के लाभार्थी मौजूद रहे। अन्य लाभार्थियों ने संबंधित एसडीएम कार्यालयों के वीडियो कॉंफ्रेंसिंग कक्ष और फेसबुक और ‘वैबएक्स’ के जरिए कार्यक्रम में भाग लिया। वहीं मंडी में एनआईसी कक्ष में उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर और मंडी जिला के उद्योग विभाग के महाप्रबंधक ओपी जरयाल भी लाभार्थियों के साथ मौजूद रहे।
क्या है मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना
महाप्रबंधक उद्योग ओपी जरयाल बताते हैं कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वूपर्ण योजनाओं में से एक है, जिसे उद्योग विभाग के जरिए चलाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत कोई भी हिमाचली युवा व युवती जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच हो और अपना उद्योग स्थापित करना चाहते हों, उनके लिए 40 लाख रुपए तक के निवेश पर 25 प्रतिशत व 30 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है । उद्योग की अधिकतम लागत 60 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त योजना के तहत हिमाचली विधवा महिलाओं के लिए जिनकी आयु 45 वर्ष से कम हो को 35 प्रतिशत की अनुदान और ब्याज की दर में 5 प्रतिशत की छूट का भी प्रावधान है।
218 उद्योग लगाने को 45 करोड़ का अनुदान
ओपी जरयाल बताते हैं कि जिला में बीते दो वर्षों में 218 उद्योग स्थापित करने के लिए लगभग 45 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत किया गया है। इनमें से 95 मामलों में लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान कर दिया गया है। वर्ष 2020-21 में अभी तक और 19 केस जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित किए जा चुके हैं।
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि जिला प्रशासन सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। लोगों को स्वरोजगार लगाने के लिए हर संभव मदद मुहैया करवाई जा रही है। बैंकों को स्वरोजगार गतिविधयों के लिए लोगों को उदारतापूर्वक ऋण देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वे अपना काम धंधा शुरू कर आत्मनिर्भर हों और अन्यों को भी रोजगार देने वाले बनें।