राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज यहां राजभवन में बागवानी विभाग के अधिकारियों से बातचीत करते हुए राज्य में कोल्ड स्टोर श्रृंखला को और अधिक सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि फल उत्पादकों और किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। राज्यपाल ने अधिकारियों को कोल्ड स्टोर श्रृंखला में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीई) को विकसित करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि फल उत्पादकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य और समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गैर-सेब उत्पादक पड़ोसी जिलों से मज़दूरों को स्थानान्तरित किया जा सकता है। उन्होंने लदानियों और आढ़तियों के साथ सम्पर्क बनाए रखने और स्थानीय क्षेत्र के अनुसार योजना पर काम करने का परामर्श दिया।
दत्तात्रेय ने उप-विपणन यार्ड विकसित करने का सुझाव दिया और कहा कि इससे कोरोना महामारी के दौरान शारीरिक दूरी बनाए रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उत्पादकों को पैकिंग सामग्री की अग्रिम उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हर जिला में हेल्पलाइन और केंद्रीकृत सम्पर्क सहायता नंबर प्रदान करने के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने पिछले वर्ष के अनुभव के आधार पर चेरी, स्ट्राॅबेरी और अन्य गुटलीदार फलों के लिए विभाग द्वारा बेहतर प्रबंध करने पर संतोष व्यक्त किया।
सचिव बागवानी अमिताभ अवस्थी ने राज्यपाल को आगामी सेब सीजन के लिए विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 30 लाख सेब की पेटीयों के उत्पादन तथा अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 5-6 लाख मीट्रिक टन अधिक उत्पादन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सेब को मंडियो तक ले जाने के लिए लगभग 68 हज़ार ट्रकों की तथा अगस्त और सितम्बर के महीनों में 75 हजार अधिक ट्रकों की आवश्यकता होगी। परिवहन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने तथा ट्रकों की व्यवस्था के लिए सभी प्रबंध किए जा रहे हैं। उन्होंने सेब सीजन को लेकर विभाग द्वारा उठाए गए कदमों की जा रही तैयारियों की भी विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर एचपीएमसी की प्रबंध निदेशक देव श्वेता बनिक, हिमाचल प्रदेश एपीएमसी के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर और निदेशक बागवानी एमएम शर्मा ने भी राज्यपाल को विभाग की गतिविधियों से अवगत करवाया।