चंबयाल अभियान के तहत चंबा जिला के पारंपरिक हस्त शिल्पों को मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर तैयार करने के मकसद से चंबा में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय फैशन टेक्नालॉजी संस्थान के सहयोग से भूरी सिंह संग्रहालय के सभागार में होगा। कार्यशाला 22 और 23 फरवरी को आयोजित की जाएगी जिसमें राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान की टीम अन्य पहलुओं के साथ डिजाइन क्राफ्ट को लेकर भी शिल्पकारों को व्यवहारिक जानकारी देगी। उपायुक्त डीसी राणा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय फैशन टेक्नालॉजी संस्थान से इसको लेकर हुई बैठक के बाद बताया कि इस कार्यशाला में चंबा चप्पल, चंबा रुमाल, हथकरघा, धातु शिल्प और काष्ठ शिल्प से जुड़े शिल्पकार व कलाकारों को शामिल किया जाएगा। कार्यशाला के दौरान इन सभी पारंपरिक हस्तशिल्पों के जरिए तैयार होने वाले उत्पादों को मार्केट की मांग के अनुरूप और ज्यादा आकर्षक और सेलेबल बनाना है ताकि इन उत्पादों का मौजूदा मूल्य भी कम हो सके और बिक्री में बढ़ावा हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में पर्यटक ऐसे उत्पाद खरीदना चाहता है जो अपेक्षाकृत सस्ते हों और साथ ही उन्हें साथ ले जाना और सहेजना भी आसान रहे। चंबयाल अभियान कि यह प्राथमिकता रहेगी कि इन सभी बेजोड़ पारंपरिक उत्पादों को मार्केटिंग के दृष्टिगत भी बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि मांग बढ़ने से उत्पादन अपने आप बढ़ोतरी पकड़ेगा। इन उत्पादों को तैयार करने वाले शिल्पकारों का आर्थिक स्वावलंबन सुनिश्चित होगा और इस व्यवसाय में नए लोग भी जुड़ेंगे।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण योगेंद्र कुमार, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र चंद्रभूषण, जिला रोजगार अधिकारी अरविंद चौहान और संग्रहालय अध्यक्ष भूरी सिंह संग्रहालय सुरेंद्र ठाकुर के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।