शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों पर प्रदेश में भारी बारिश एवं बाढ़ से हुए नुकसान से उत्पन्न स्थिति से उबरने के लिए चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा हेतु मंत्रियों एवं मुख्य संसदीय सचिवों की अध्यक्षता में जिला राहत एवं पुनर्वास समितियों का गठन किया गया है। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि पुनर्वास कार्यों को तेजी से कार्यान्वित करने के दृष्टिगत गठित यह समितियां सम्बंधित जिलों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा करेंगी।
उन्होंने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया 2 और 3 अगस्त को चम्बा जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करेंगे, जबकि उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री 3 और 4 अगस्त, 2023 को ऊना जिले में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल 2 और 3 अगस्त को बिलासपुर जिले में तथा कृषि मंत्री चन्द्र कुमार हमीरपुर जिले में चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करेंगे।
इसी प्रकार उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान 3 और 4 अगस्त को शिमला जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेंगे, जबकि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी 2 अगस्त को कांगड़ा तथा 3 अगस्त को लाहौल-स्पीति जिले में राहत कार्यों का जायजा लेंगे। इसके उपरान्त वह किन्नौर जिले के दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर 4 और 5 अगस्त को सिरमौर जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में संचालित राहत कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे, जबकि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह 3 और 4 अगस्त को सोलन जिले में चलाए जा रहे राहत व पुनर्वास कार्यों का जायजा लेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह 2 और 3 अगस्त को मंडी जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों में प्रगति की समीक्षा करेंगे। मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर 2 और 3 अगस्त को कुल्लू जिले का दौरा कर वहां चलाए जा रहे राहत कार्यों की स्थिति का जायजा लेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में मानवीय सरोकारों को समर्पित प्रदेश सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास कार्य युद्ध स्तर पर संचालित कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई करते हुए लगभग 70 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों को तीव्र गति से संचालित किया जा रहा है जिसकी सराहना विश्व बैंक द्वारा भी की गई है।