शिमला 01 सिंतबर
हिमाचल प्रदेश में गौवंश में तेजी से फैल रहे लंपी रोग को लेकर हिमाचल प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष डाॅ0 कुलदीप तंवर के नेतृत्व में वीरवार को एक प्रतिनिधि मंडल ने निदेशक पशुपालन विभाग डाॅ0 प्रदीप कुमार शर्मा से भेंट की गई और निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में मशोबरा और बसंतपुर विकास खंडों के 50 से अधिक प्रभावित परिवारों से लोगों ने भाग लिया।
उन्होने विभाग के प्रमुख को अवगत करवाया कि हिमाचल प्रदेश में लंपी चर्म रोग से संक्रमण के मामले औसतन 500 प्रतिदिन तक पहुंच गए हैं लेकिन सरकार विभाग की ओर से पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए है जिससे कुछ पशुपालकों को दो जून रोटी के लाले पड़ गए हैं ।
डाॅ0 तंवर ने बताया कि जहां एक ओर पशुपालन विभाग लंपी त्वचा रोग को एक महामारी बता रहा है वहीं पर राज्य आपदा प्राधिकरण इसे महामारी मानने को तैयार नहीं है जिससे प्रतीत होता है कि विभाग और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में आपसी तालमेल की कमी देखी गई है । विधानसभा में पशुपालन मंत्री द्वारा लंपी से पशु की मौत होने पर मुआवजा देने की घोषणा की थी परंतु धरातल पर अभी कुछ नहीं । लंपी के ग्रसित पशुपालकों की मृत्यु पर मुआवजे के रूप में झुनझुना थमाया जा रहा है ।
किसान सभा ने अपने ज्ञापन में मुआवजे की अधिसूचना जारी करने तथा जिन पशुपालकों के पशु इस महामारी से मर चुके हैं उन्हें शीघ्र मुआवजा देने की मांग की गई है । उन्होने आग्रह किया कि महामारी की अधिसूचना जारी होने की तिथि से पहले लंपी रोग का ग्रास हुए गौवंश के लिए भी मुआवजा का प्रावधान किया जाए। जिन पशुपालकों ने ऋण लेकर गाय खरीदी थी और लंपी रोग से मर गई है ऐसे पशुपालकों का ऋण माफ किया जाए। उन्होने सरकार से मांग की है कि पशुपालन विभाग में रिक्त पड़े फील्ड स्टाफ के पदों को तुरंत भरा जाए। टीकाकरण मुहिम तेज करने तथा. वायरस की रोकथाम के लिए औषधालयों में प्रचुर मात्रा में दवाइयां उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है ।. महामारी में सेवाएं दे रहे डॉक्टरों और स्टाफ के लिए वाहनों की व्यवस्था की जाए ताकि इस महामारी पर नियंत्रण लगाया जा सके