प्रदेश विधानसभा के 23 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान निर्देश दिए गए हैं कि आम लोग न आएं। सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ सतर्कता बरतते हुए यह कदम उठाया है। अवकाश के बाद विधानसभा का सत्र सोमवार से दोबारा शुरू होगा। आमतौर पर प्रदेश के विभिन्न भागों से लोग अपनी समस्याएं लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचते हैं। सत्र के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर रोजाना 500 से अधिक लोगों से मिलते हैं। कोरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर इस प्रकार का कदम उठाया गया है। अब सत्र की शेष अविध के दौरान सरकार के मंत्री, विधायक, अधिकारी और विधानसभा सत्र की कवरेज करने वाला मीडिया वर्ग ही मौजूद रहेगा। विधानसभा सचिवालय प्रशासन की ओर से भी इस संदर्भ में कदम उठाए गए हैं।
इससे हटकर ओकओवर में वीरवार को भी बड़ी संख्या में लोग मिलने के लिए पहुंचे थे। सुरक्षा प्रबंध देखने वाले अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश के विभिन्न भागों से मुख्यमंत्री से फरियाद करने के लिए आने वाले लोगों को जागरूक किया जाए। घरों से अनावश्यक निकलना किसी को भी खतरे में डाल सकता है।
कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए जरूरी है कि लोग विधानसभा न आएं। लोगों की अधिक भीड़ से कोई दूसरा व्यक्ति बुखार, जुकाम से संक्रमित हो सकता है। इसलिए एहतियात के तौर पर लोग न आएं तो अच्छा रहेगा।
- जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री।
हमने विधानसभा परिसर में सैनिटाइजेशन का काम कर दिया है। सभी विधायकों के आवास भी अंदर और बाहर से सैनिटाइज किए जाएंगे। विधायकों को सिनेटाइजर और मास्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। किसी प्रकार की चूक को रोकने के लिए प्रबंध किए गए हैं।