हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को विपक्ष ने सदन में हंगामा कर दिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साप्ताहिक कार्यसूची की जानकारी दी तो विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में राशन महंगा, बिजली महंगी कर दी गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सदन में उनकी मांगें नहीं सुनी जा रहीं हैं। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि चर्चा होगी लेकिन मंत्रियों का परिचय जरूरी है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। नियमों में कोई बात नहीं की जा रही है। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और विपक्ष के बीच हंगामे को लेकर नोकझोक हो गई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति दी लेकिन विपक्ष हंगामा करता रहा। भाजपा और कांग्रेस विधायकों में जमकर नोकझोक हुई। सत्तापक्ष के सदस्य भी आक्रामक हो गए। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने विपक्ष से कहा कि आपने प्रस्ताव एक बजे दिया, मैंने उसे स्वीकार किया- आप अपनी बात रखें।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि- छह महीने से आपकी करतूतें सब देख रहे हैं। इसके बाद सीएम जयराम ठाकुर जवाब देने के लिए उठे। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सीएम इस्तीफा दें। मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा कि अध्यक्ष महोदय, हमने नियम 67 में नोटिस दिया है। इसकी व्यवस्था ही ऐसी है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव पर अध्यक्ष को वोटिंग करवानी चाहिए लेकिन सीधे चर्चा करवाई जा रही है। इस बीच वन मंत्री राकेश पठानिया आक्रामक होकर बोले- आपको अभी मंत्री के रूप में भी इंट्रोड्यूस नहीं किया।
नियम 67 पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि आज कोविड 19 का दौर है। सभी सदस्यों ने इस बारे में नोटिस दिए हैं। सरकार की ओर से इस बारे में वक्तव्य दिया जाना था। हमने सब विधायकों से चर्चा की। नियम 67 के तहत मैंने 23 साल में ऐसा नहीं हुआ। पहली बार ऐसा हो रहा है कि विपक्ष की ओर से नियम 67 में स्थगन प्रस्ताव दिया गया है। हम खुली चर्चा के लिए तैयार हैं। जब गलत किया ही नहीं है तो किस बात से डरें। सीएम ने कहा कि- आपके कहने पर इस्तीफा दें क्या?
काम रोको प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सीएम की ओर इशारा करते हुए कहा कि डीसी लोकप्रिय कर दिए। वही छाए हुए हैं। उपायुक्त पट्टियों पर नाम लिखा रहे हैं। एमएलए की अथॉरिटी खत्म हो गई है।