राजधानी शिमला के उपनगर समरहिल में भूस्खलन और सैलाब से तबाह हुए शिव बावड़ी मंदिर के मलबे में लापता लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हादसे के तीसरे दिन एक महिला का शव और एक अन्य शव का बाजू बरामद हुआ है। अब तक कुल 13 शव बरामद हो चुके हैं।
खास बात यह है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे लोगों को घटनास्थल के पास मलबे में तबाह हुए मंदिर की एक प्रतिमा मिली है। यह प्रतिमा शिव की है। रेस्क्यू में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ और पुलिस के साथ स्थानीय लोग भी बचाव अभियान में शामिल हैं। बुधवार को स्थानीय लोगों ने मलबे से एक प्रतिमा बरामद की है।
शिव की यह प्रतिमा शिवलिंग के पास वाली दीवार पर स्थित थी। इस जगह हनुमान, श्रीराम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियां भी थीं। वहीं दुर्गा माता की करीब चार-पांच फुट लंबी मूर्ति अलग बने एक पूजा कक्ष में थी। रोजाना श्रद्धालु इन मूर्तियों के आगे शीश नवाते थे। मंदिर के पुजारी की ओर से सुबह-शाम आरती की जाती थी।
इस बीच मूर्ति बरामदगी पर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि राहत व बचाव दल की प्राथमिकता जिंदगियां बचाना और लापता लोगों को निकालना है। उन्होंने कहा कि फिलहाल मूर्ति को बरामद करना कोई प्राथमिकता नहीं है और न ही इन्हें सीज किया जाएगा।
करीब 150 साल पुराना यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र रहा है। श्रावण के महीने में मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता था। बीते सोमवार का दिन होने के चलते मंदिर में हवन यज्ञ और खीर के प्रसाद की तैयारी चल रही थी। इससे पहले भूस्खलन ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया।
मंदिर परिसर में पुजारियों के रहने के लिए पांच कमरे हैं। यहां कई सालों से गढ़वाल के पुजारियों ने पूजा-अर्चना का काम संभाला हुआ था। मंदिर परिसर में हवन व बड़े धार्मिक आयोजन भी होते थे। इस मंदिर के पास बावड़ी होने की वजह से इस जगह का नाम शिब बावड़ी पड़ा। हाल के कुछ वर्षों में मंदिर कमेटी ने इस मंदिर को भव्य रूप दिया था।