हमीरपुर /शिमला 01फरवरी
महिला एवं बाल विकास विभाग की ‘वो दिन’ योजना के तहत बुधवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चौरी में ‘किशोर-किशोरी संवाद’ कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर सुजानपुर के बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि युवा किसी भी देश व समाज की रीढ़ होते हैं.
नवचेतना, असीमित ऊर्जा, अथाह शक्ति, अपार सामथ्र्य और अदम्य साहस से परिपूर्ण ये युवा स्वत: ही समाज व राष्ट्र की अमूल्य पूंजी बन जाते हैं. प्रगतिशील एवं विचारशील शिक्षा के माध्यम से इस युवा शक्ति को सकारात्मक कार्यों में लगाकर समाज में व्याप्त कई समस्याओं का समाधान और कुरीतियों का उन्मूलन किया जा सकता है. सामाजिक व्यवहार परिवर्तन में ये युवा एवं बच्चे बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं.
कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि पोषण प्रबंधन, अनीमिया एवं माहवारी प्रबंधन, व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्वच्छता, जल प्रबंधन और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर आम लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से ‘किशोर-किशोरी संवाद’ कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. ताकि इनके माध्यम से लोगों के सामाजिक व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके.
इस अवसर पर चिकित्सा अधिकारी डॉ. निशांत शर्मा ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि पोषण जागरुकता, स्वास्थ्य प्रबंधन, अनीमिया प्रबंधन, रजोधर्म प्रबंधन और जल प्रबंधन जैसे विषयों को हमें एक समग्र रूप से देखना चाहिए. क्योंकि ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं तथा स्वास्थ्य प्रबंधन में एक दूसरे को प्रभावित करते हैं.
कार्यक्रम के दौरान आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिवानी ने रजोधर्म को किशोरियों के स्वास्थ्य और जीवनशक्ति का महत्वपूर्ण संकेतक बताते हुए इसके गरिमामय व स्वच्छतापूर्ण प्रबंधन पर बल दिया तथा इसे सामुदायिक स्वच्छता का अभिन्न अंग बताया. प्रधानाचार्य सरिता दुबे ने स्कूल में लैंगिक संवेदी मित्रवत व्यवहार और मासिक धर्म के उपयुक्त प्रबंधन के लिए किए गए विभिन्न प्रबंधों की जानकारी दी.
उन्होंने विद्यार्थियों से इस विषय पर खुलकर चर्चा करने का आह्वान किया. इस अवसर पर कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) योजना के तहत वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की ओर से पर्यावरण मित्र मासिक धर्म प्रबंधन सामग्री भी वितरित की गई.