स्तनपान को बढावा देने के लिए विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त तक मनाया जा रहा है। स्तनपान शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए बहुत मददगार है। स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य स्तनपान प्रथाओं में सुधार तथा स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती प्रदान करना है।
वर्ष 2023 की थीम “स्तनपान को सक्षम बनाना- कामकाजी माता-पिता के लिए बदलाव लाना’’ है। विश्व स्तनपान सप्ताह- धात्री माताओं के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने , पोषण में सुधार और प्रारंभिक बचपन के विकास को बढ़ाने में स्तनपान की भूमिका पर जोर देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
6 माह तक सिर्फ माँ का दूध पिलाना और उसके बाद 2 वर्ष कि आयु तक स्तनपान के साथ अनूपूरक आहार देना शिशुओं के लिए सर्वोत्तम आहार है ।
धात्री माता को सफलतापूर्वक स्तनपान करवाने हेतु 3 जगहों पर मदद चाहिये –
1- समाज में डिब्बाबंद दूध वाली कम्पनियों के घातक प्रचार प्रसार से दूर रखना ।
2- कार्यस्थलों पर सहयोग ।
3- अस्पतालों में जहाँ वह डिलीवरी करवाने आती है (सामान्य और सी-सेक्शन) स्तनपान की शीघ्र शुरुआत सुनिश्चित करना
विशेष स्तनपान के महत्व पर जागरूकता पैदा करने के लिए स्तनपान प्रचार गतिविधियाँ प्रदेश में चलायी जा रही है
सभी अस्पातलों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों (एमओ, एसएन, एएनएम, सीएचओ) को एक घंटे के साथ स्तनपान की शीघ्र शुरुआत, कोलोस्ट्रम खिलाना और exclusive स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूक किया जायेगा, साथ ही Infant Milk and Substitute (lMS) Act. के बारे में भी जागरूक किया जायेगा
सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा स्तनपान के प्रचार और समर्थन में प्रतिज्ञा ली जायेगी
स्तनपान कराने वाली माताओं और उनके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा परामर्श सेवा प्रदान की जाएगी ।
मानव विकास के लिए हमें स्तनपान जागरुकता अभियान को सफल बनाना होगा।
आइए हम स्तनपान को एक विकल्प नहीं बल्कि एक संकल्प बनाएं।