कोविड-19 महामारी के कारण बड़ी संख्या में हिमाचली छात्र, यात्री, तीर्थयात्री, व्यावसायिक व्यक्ति विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे हुए हैं। इसी तरह बाहरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के छात्र, पर्यटक, व्यापारिक यात्री व औद्योगिक श्रमिक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में रह रहे हैं और अपने संबंधित मूल राज्यों में वापस जाने के इच्छुक हैं। वहीं, बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचली लोगों का पंजीकरण शुरू हुआ है। आईटी विभाग ने मेकेनिज्म तैयार किया है और जिन लोगों के पास अपना वाहन नहीं है, वे http://covid19epass-hp-gov-in पर पंजीकरण करवा सकते हैं और सरकार उनके लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करेगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सीमाओं पर लोगों को आवाजाही की अनुमति दी है, इसलिए जनहित में हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के बीच लोगों के सुचारू, सुव्यवस्थित और क्रमबद्ध रवानगी को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार में प्रधान सचिव राजस्व तथा आपदा प्रबन्ध ओंकार चंद शर्मा को स्टेट नोडल अधिकारी और निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन एवं प्रबन्ध निदेशक एचआरटीसी यूनुस को इस कार्य के लिए राज्य संयुक्त नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। इस सम्बन्ध में राज्य नोडल अधिकारी से मोबाइल नंबर 94182-30009 और राज्य संयुक्त नोडल अधिकारी से मोबाइल नंबर 88940-35375 पर संपर्क किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अन्य अधिकारियों को अंतरराज्यीय आवाजाही, प्रोटोकॉल तैयार करने और सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं या निजी वाहनों का उपयोग करके अन्य राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों तथा जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए प्राप्त अनुरोधों से संबंधित डाटा एकत्र करने और इसे संकलित करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। राज्य नोडल अधिकारी तथा संयुक्त नोडल अधिकारी के समग्र पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन में अन्य अधिकारी, राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों, जिला प्रशासन, श्रम और रोजगार, उद्योग, गृह, परिवहन, एचआरटीसी विभागों के अधिकारियों के साथ कार्य करेंगे।