आपदा को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों के साथ बैठक की है। इसमें पानी की निकासी और जमीन की जांच करने पर विस्तृत चर्चा हुई। प्रदेश में अवैध निर्माण पर रोक नहीं लग रही है। लोग बिना नक्शे के भवनों का निर्माण कर रहे हैं। जिन लोगों को पूर्व में चार मंजिला भवन के नक्शे पास हैं, उन्होंने पांच से छह मंजिलों का निर्माण कर दिया है। भवन मालिकों के पानी की सही निकासी नहीं की है। यह पानी जमीन में जा रहा है।
इससे भवन के नीचे की जमीन दलदल होती जा रही है। इससे आसपास के मकानों के लिए खतरा बनता जा रहा है। हिमाचल में जो मकान गिरे हैं। उनका यही कारण मना जा रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार निर्माण कार्यों को लेकर सख्ती करने जा रही है। प्रधान सचिव टीसीपी देवेश कुमार ने कहा कि बिना नक्शे के हो रहे निर्माण कार्यों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
हिमाचल में आपदा ने तबाही मचा कर रख दी है। दर्जनों लोगों की जान चली गई है। भूस्खलन के चलते लोग मलबे में दब रहे हैं। एनजीटी ने शिमला प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिल से अधिक भवन निर्माण पर रोक लगाई है। त्रासदी के बाद लोगों को इसकी याद आ रही है।