प्रेस नोट
हिमाचल प्रदेश वन विभाग में लगभग डेढ़ महीने पूर्व हुए अधीक्षक ग्रेड-I की पदोन्नति की फाईल के क्लीयर न होने से प्रदेश के दस अधीक्षक ग्रेड-I अपनी पोस्टिंग की राह देख रहे हैं | इस फाईल के क्लियर न होने से तीन अधीक्षक ग्रेड-I में से दो सेवा निवृत्त हो गए और एक का अकस्मात निधन भी हो गया |
यह पहली बार हुआ है कि वन विभाग के अधीक्षक ग्रेड-I की फाईल लगभग डेढ़ महीने से भी अधिक समय बीत जाने पर भी क्लियर नहीं हो पाई है| इससे न केवल वन विभाग के कर्मचारियों में निराशा है बल्कि रोष भी है | इस फाईल के क्लियर न होने के कारण पांच नए अधीक्षक ग्रेड-II पदोन्नति के पात्र हो गए हैं | जिनमें से कुछ आने वाले एक दो महीने में सेवानिवृत्त हो जाएंगे| हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ने इस सम्बन्ध में खेद व्यक्त किया गया है | एसोसिएशन के अध्यक्ष ने एक प्रैस बयान में बताया कि यह पहली बार हुआ है कि पदोन्नति के बाद लगभग डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी फाईल क्लियर नहीं हो पाई है | प्रकाश बादल ने बताया कि जब उनहोंने सचिवालय में प्रधान सचिव (वन) और मुख्यमंत्री कार्यालय में फाईल के बारे में छान-बीन की तो बताया गया कि फाईल मुख्यमंत्री के निवास स्थान पर पेंडिंग है | प्रकाश बादल ने इस बारे में संदेह व्यक्त करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री प्रमोशन के बाद पोस्टिंग के लिए इतने लम्बे समय तक फाईल को अपने पास नहीं रख सकते | प्रकाश बादल ने अंदेशा जताया है कि फाईल को सचिवालय में कुछ स्वार्थी लोगों ने अपनी पोस्टिंग के चक्कर में जानबूझ कर दबाया है| प्रकाश बादल ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और सीपीएस सुन्दर सिंह ठाकुर को पत्र लिख कर फाईल को तुरंत क्लीयर करने का आग्रह किया है | प्रकाश बादल ने यह भी आग्ग्रह किया है कि यदि फाईल निचले स्तर पर जान बूझ कर दबाई गयी है तो इसकी भी जांच की जाए और ऐसा पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए |
क्या है पूरा मामला
28 जून 2023 को हिमाचल प्रदेश सरकार ने वन विभाग में दस अधीक्षक ग्रेड-I की डीपीसी की और उनकी पदोन्नति के आदेश किये, परन्तु इनकी पोस्टिंग के आदेश के लिए फाईल मुख्यमंत्री की स्वीकृति के लिए भेजी गयी | डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी फाईल वापस नहीं आई है | उसके बाद पिछले एक महीने से पांच और लोग पदोन्नति के पात्र हो गए हैं परन्तु पुरानी फाईल क्लीयर न होने के कारण नई पदोन्नति के आदेश भी लटक गए हैं| पांच अधीक्षक ग्रेड-I में से कुछ लोग अगले महीने सेवा निवृत्त होने वाले हैं, उन्हें इस बात का डर है कि फाईल क्लिएयर न होने के कारण कहीं उन्हें पदोन्नति से वंचित न होना पड़े |