शिमला, 23 अप्रैल : जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जायका) परियोजना हिमाचल प्रदेश के सात जिलों शिमला, कुल्लू, मंडी, किन्नौर, लाहौल एवं स्पीति, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में कार्यान्वित की जा रही है।
वर्ष 2018-19 से 2027-28 तक चलने वाली इस वानिकी परियोजना के तहत 800 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। जायका वानिकी परियोजना के अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल व मुख्य परियोजना निदेशक (जायका) नागेश कुमार गुलेरिया ने शुक्रवार को एक बैठक में यह जानकारी दी।
इस बैठक की अध्यक्षता प्रधान सचिव वन डॉ. रजनीश ने की। बैठक में वन विभाग में चल रही गतिविधियों से संबंधित जानकारी ली गई। नागेश कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के वनों को हरा-भरा करने के प्रयासों को गति प्रदान करने के लिए जायका परियोजना द्वारा वन पौधशालाओं की आधुनिकीकरण प्रक्रिया आरंभ की गई है। जिससे पौधशालाओं में लगभग 65 लाख पौधे तैयार करने की अतिरिक्त क्षमता विकसित हो चुकी है।
इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं वन बल प्रमुख, अजय श्रीवास्तव व वन विभाग के अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे।