हिमाचल में लॉकडाउन के साथ कर्फ्यू भी तीन मई तक रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को देश के नाम संबोधन में तीन मई तक लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया। 20 अप्रैल से कुछ इलाकों में सशर्त ढील दी जा सकती है।
इसकी जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने मंगलवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में दी। धीमान ने कहा कि आदेश जारी किए हैं कि अब प्रदेश में सभी के लिए मास्क लगाकर बाहर निकलना अनिवार्य होगा। सभी सरकारी नियमित और अनुबंध मुलाजिमों का एक दिन का वेतन कोविड फंड में जाएगा। यह आदेश, पीएसयू, सरकारी अर्ध सरकारी कंपनियों पर भी लागू होगा। सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
जरूरत पर कर्मचारी कार्यालय बुलाए जाएंगे। सभी विभागाध्यक्ष और सचिव कम स्टाफ के साथ कार्यालय आएंगे। नए निर्देश 15 अप्रैल से तीन मई तक लागू माने जाएंगे। धीमान ने कहा कि जो जहां है, वहीं रहेगा और कोई बिना अनुमति प्रदेश में नहीं आएगा। कर्फ्यू में ढील जिला उपायुक्त हालात का अध्ययन कर निर्धारित करेंगे। प्रदेश में चल रही वर्तमान व्यवस्था को तीन मई तक जारी रखा जाएगा। धीमान ने साफ किया कि 20 अप्रैल के बाद समीक्षा और केस की संख्या के आधार पर हॉटस्पॉट या अन्य जगहों पर छूट पर विचार करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी कि जिन क्षेत्रों में अगले सात दिन तक कोई कोरोना पॉजिटिव मामला नहीं आया, वहां आंशिक छूट दी जाएगी।
वहीं, केंद्र सरकार के 3 मई तक शिक्षण संस्थान बंद रखे जाने के फैसले पर अमल करते हुए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में भी शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य बंद रहेंगे। एचपीयू प्रशासन प्रशासनिक और परीक्षा संबंधित कार्य निपटाने को कुछ दफ्तरों में काम शुरू कर सकता है। प्रशासन लॉकडाउन और प्रदेश भर में सरकारी की ओर से इसकी स्थिति की समीक्षा के बाद होने वाले फैसलों के बाद ही निर्णय लेगा। एचपीयू कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार और जनसंपर्क अधिकारी डॉ. रणवीर वर्मा ने कहा कि कुछ प्रशासनिक कार्य 20 अप्रैल के बाद शुरू किए जा सकते हैं। एचपीयू ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करवा दी है।