शिमला।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश निजी विश्वविद्यालयों के अयोग्य कुलपतियों पर नियामक आयोग द्वारा कार्यवाही करने का स्वागत करती है।
अभाविप के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि विद्यार्थी परिषद निजी विशवविद्यालयों में चल रही गड़बड़ियों व शिक्षा के व्यापारिकरण का शुरू से ही विरोध करती रही है। आज विद्यार्थी परिषद के सभी आरोप सही साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं।
फिर चाहे वो निजी विश्वविद्यालयों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर कुलपति की नियुक्ति करना हो, बिना मान्यता के कई स्टडी कोर्स चलाना, फर्जी डिग्रियां बेचना, बिना मान्यता के डिस्टेंस कोर्स, एक ही समय पर अपने स्टाफ से नौकरी व डिग्री करवाना तथा अन्य कई प्रकार की गड़बड़ियां इन सभी मुद्दों को लेकर विद्यार्थी परिषद पिछले कई वर्षों से आंदोलन करती रही है। वर्तमान समय में जिस तरह नियामक आयोग द्वारा लगभग आधा दर्जन निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को हटाने का निर्णय लिया गया यह निजी विश्विद्यालय में फैले भ्रष्टाचार को कम करने की दिशा में बहुत सराहनीय निर्णय है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमेशा से ही छात्रहित में कार्य करने के लिए तत्पर रहा है, और आज नियामक आयोग द्वारा लिया गया यह निर्णय विद्यार्थी परिषद के संघर्षों का ही परिणाम है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि निजी विश्वविद्यालयों में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी टीम की जांच में और तेजी लाई जाए तथा निजी विश्वविद्यालयों में नियमों का उल्लंघन करने वाले व फर्जी डिग्रियां बेचने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए तथा शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है व प्रयत्नशील है।