युद्ध स्तर पर व्यवस्थाओं को बनाया जा रहा है सुनिश्चित
273 पेयजल योजनाएं और 557 ट्रांसफार्मर
कार्यशील
आपात स्थिति में 1077 अथवा दूरभाष नम्बर 01899-226950, 98166-98166 पर किया जा सकता है संपर्क
चंबा, 11 जुलाई
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि जिला में भारी बारिश के कारण अवरुद्ध 184 सड़क मार्गो में से 128 सड़कों को यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया है।
जिला का प्रमुख राष्ट्रीय उच्च मार्ग चक्की- चंबा- भरमौर को बग्गा बांध तक वाहनों के परिचालन के लिए सुचारू कर दिया गया है।
जिला में विद्युत आपूर्ति, पेयजल आपूर्ति और बंद सड़क मार्गों को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर व्यवस्था को सुनिश्चित बनाया जा रहा है।
अपूर्व देवगन ने बताया कि आज दोपहर 4 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला में भारी बारिश के कारण अवरुद्ध 184 सड़क मार्गो में से 128 सड़कों को यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया है।
साथ में उन्होंने यह भी बताया कि जल शक्ति विभाग की अवरुद्ध 361 विभिन्न पेयजल और सिंचाई योजनाओं में से 273 पेयजल योजनाओं को बहाल कर दिया गया है जबकि 88 सिंचाई व पेयजल योजनाओं को कार्यशील करने का कार्य प्रगति पर है।
इसी तरह विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए बंद हुए 674 ट्रांसफार्मरों में से अब तक 557 ट्रांसफार्मरों को कार्यशील कर दिया गया
है । जबकि शेष का मरम्मत कार्य प्रगति पर है।
इसी तरह चंबा से डलहौजी, चंबा से सलूणी, चंबा से भटियात सड़क मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए खुले हैं। उन्होंने बताया कि चंबा – तीसा – किलाड़ ( पांगी) सड़क मार्ग को खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
अपूर्व देवगन ने बताया कि मणिमहेश डल झील की यात्रा पर निकले कुछ श्रद्धालुओं को रेस्क्यू करने के लिए टीमों को भेज दिया गया है। टीम द्वारा 58 लोगों को सकुशल धन्छो से हड़सर पहुंचा दिया गया है। जबकि नाले की दूसरी ओर फंसे श्रद्धालुओं को पर्वतारोहण संस्थान , होमगार्ड, राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त राहत एवं बचाव टीम द्वारा 12 लोगों को आज शाम तक नीचे हड़सर तक लाया जा रहा है। साथ में लमडल में फंसे हुए 3 लोगों को भी सुरक्षित पहुंचा दिया गया है।
उपायुक्त ने जिला वासियों से आग्रह किया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के टोल फ्री नम्बर 1077 अथवा दूरभाष नम्बर 01899-226950, 98166-98166 पर सूचित करें । आपदा प्रबन्धन केन्द्र चौबीसों घंटे कार्यशील है।
उन्होंने आग्रह किया कि नदी नालों के किनारे ना जाएं और अनावश्यक यात्रा न करें, सुरक्षित स्थानों पर रहें व किसी प्रकार का जोखिम न उठाएं।