जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा कश्मीरी प्रवासियों के राज्य में प्रवेश से इनकार किए जाने के बाद बीते 20 दिनों से पठानकोट में फंसे अलग-अलग राज्यों से आए 1200 कश्मीरी प्रवासी सोमवार को पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस की मदद से आखिरकार अपने राज्य में दाख़िल हो गए। प्रवासियों ने घर वापसी से पहले जरूरी 20 दिनों की क्वारंटाइन अवधि के दौरान पंजाब सरकार और पुलिस द्वारा किए गए सहयोग के लिए धन्यवाद किया, जिन्होंने इन प्रवासियों को सहारा देने के साथ-साथ, खाने और रहने की सुविधा दी।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने तालाबंदी के कारण अलग-अलग राज्यों से पठानकोट पहुंचे प्रवासियों को राज्य में दाख़िल होने की इजाजत देने से इंकार कर दिया था। तब पंजाब सरकार ने उनके लिए नौ शेल्टर होम (क्वारंटाइन सुविधा) स्थापित करने के लिए कदम उठाए। उन्हें भोजन के साथ-साथ रहने के लिए जगह प्रदान की गई। दिनकर गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य की नियमित जांच के लिए और उन्हें नियमित तौर पर दवाओं की सप्लाई मुहैया करवाने के लिए मेडीकल टीमों को तैनात किया गया था।
कश्मीरी प्रवासियों ने पंजाब सरकार ख़ासकर पंजाब पुलिस द्वारा मिली सहायता के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने इस नाजुक समय के दौरान राधा स्वामी डेरा ब्यास और अन्य संस्थाओं द्वारा उनकी मदद के लिए भी धन्यवाद किया। जम्मू-कश्मीर के जिला रामबन के निवासी ने कहा, ‘‘इन मुश्किल दिनों में पंजाब पुलिस 20 दिनों के लिए अच्छी मेजबान रही।’’ प्रवासियों के अनुसार, पुलिस ने उन्हें खाना, अन्य जरूरी चीजें, रहने के लिए जगह, डॉक्टरी सुविधाएं और उचित सैनिटाइजेशन प्रदान की और पिछले 20 दिनों से उन्हें सुरक्षित रखा।