मनाली के गोसदन में चारे की कमी के कारण पिछले एक हफ्ते के दौरान करीब 30 गायों की मौत हो गई है।
बता दे लाकॅडाउन के कारण काफ़ी टाइम से गोसदनों में रखी गई सैकड़ों गायों को चारा उपलब्ध नहीं हो रहा है। कोरोना के चलते प्रदेश की सीमाएं सील के होने के बाद पंजाब आदि राज्यों से आने वाली तूड़ी की सप्लाई ठप है। ग्रामीण क्षेत्रों से भी पशुचारे की खेप आना बंद हो गई है। प्रशासन भी पशुओं के लिए घास की व्यवस्था करने में विफल साबित हो रहा है। लॉकडाउन के बाद मनाली में गोसदन में पशुओं को उचित मात्रा में घास का इंतजाम नहीं हो सका है।
गोसदन में छोटे-बडे़ पशुओं का एक साथ रहने से भी छोटे पशुओं की मौत अधिक होने लगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गोसदन में घास न होने के चलते पशुओं की भूख से मौत होने लगी है। एक साल पहले मनाली के गोसदन में करीब 300 पशु रखे गए थे। बदइंतजामी के चलते अब कम पशु ही रह गए हैं। एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने बताया कि गांव वासियों की ओर से जीपों से घास गोसदन में पहुंचाया जा रहा है। कुल्लू फ्रूट ग्रोवर एसोसिएशन पतलीकूहल की ओर से भी घास के ट्रक भी गोसदन को दिया जा रहा है। सरकार ने पंजाब से घास लाने की इजाजत दे दी है और नियमित रूप से घास के ट्रक पहुंच रहे हैं।