सिरमौर,19अप्रैल
हिमाचल प्रदेश के जिले सिरमौर में लहसुन की फसल पर सूखे की मार ने अब किसानों को चिंतित कर दिया है । लंबे समय से बारिश न होने के कारण लहसुन की फसल सूखनी शुरू हो गई है। इससे उत्पादन पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। जिले में 50 से 60 फीसदी लहसुन की फसल सूखे से प्रभावित हो चुकी है। हालांकि कृषि विभाग इसे 25 से 50 फीसदी मान रहा है। सबसे अधिक परेशानी उन किसानों को आ रही है, जो सिंचाई के लिए पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं। गौरतलब है कि सिरमौर जिले में लंबे समय से बारिश नहीं हो पाई है। अप्रैल में लहसुन के लिए सिंचाई की बहुत आवश्यकता होती है। इस समय लहसुन का आकार बनता है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत रहती है।
बारिश हुए एक महीने से अधिक समय हो गया है। ऐसे में लहसुन का तना (डंडी) गिरनी शुरू हो गया है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में इस बार चार हजार हेक्टेयर भूमि पर 60 हजार मीट्रिक टन लहसुन का उगाने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों ने कृषि विभाग के अलावा अपने स्तर पर भी अन्य स्थानों से लहसुन का बीज खरीदकर लगाया है। जिले के गिरिपार क्षेत्र नौहराधार, हरिपुरधार, संगड़ाह, राजगढ़ के अलावा सैनधार, धारटीधार व पच्छाद विस क्षेत्र में लहसुन की फसल का उत्पादन बड़े स्तर पर होता है। बारिश न होने के कारण अब तक 60 फीसदी के करीब लहसुन की फसल प्रभावित हो चुकी है।