हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती मामले में पेपर लीक का जाल फेसबुक के माध्यम से बुना गया था। इसका खुलासा मुख्य आरोपी ने एसआईटी की पूछताछ में किया है। पानीपत से गिरफ्तार मुख्य आरोपी रौनिक धनकर नालागढ़ के एक अभ्यर्थी का फेसबुक फ्रेंड है। शुरुआत में उसने पांच-पांच लाख रुपये में प्रश्नपत्र रटाने की बात कही थी।
इस पर नालागढ़ के अभ्यर्थी ने हामी भर दी। मुख्य आरोपी ने व्हाट्सएप से रैंडम कॉल कर अर्की के एक अभ्यर्थी से बात की और उसे भी प्रश्नपत्र होने की बात बताई। शर्त रखी कि यदि 15 से 20 अभ्यर्थी जुड़े तो पांच लाख के बजाय तीन लाख रुपये में पेपर मिल जाएगा।
इस पर अर्की के नरेश नाम के अभ्यर्थी ने क्षेत्र के अभ्यर्थियों को जोड़ना शुरू किया। इसी आधार पर अर्की और नालागढ़ से अभी तक एक महिला अभ्यर्थी समेत 12 की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। मुख्य आरोपी का एक और साथी है, जिसके नाम का खुलासा अभी नहीं हो पाया है। मुख्य आरोपी ने कबूला है कि उसने प्रश्न पत्र की एवज में तीन-तीन लाख रुपये लिए थे। गिरफ्तार अभ्यर्थियों ने भी यही बात पुलिस से कही है। उधर, एसपी सोलन वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि रिमांड के दौरान मुख्य आरोपी रौनिक धनकर ने कई खुलासे किए हैं।
नालागढ़ और अर्की से गिरफ्तार 12 अभ्यर्थियों में से 11 अभ्यर्थी पानीपत के मुख्य आरोपी के साथ संपर्क थे। इन्हें पेपर रटाने सहित उन्हें पानीपत पहुंचाने का काम मुख्य आरोपी रौनिक धनकर और इसके एक अन्य साथी ने किया था। अर्की के सरली गांव से गिरफ्तार बाप-बेटे के तार जिला मंडी से जुड़े थे। इन्होंने मंडी के आरोपी के जरिये बिलासपुर में एक दलाल को साढ़े चार लाख प्रश्न पत्र के लिए दिए थे।