शिमला,04 मार्च 2022
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने आज दिनांक 04 मार्च 2022 को मुख्य छात्रपाल का घेराव किया | विद्यार्थी परिषद ने इस दौरान मांग उठाई कि विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा कोविड19 जैसी वैश्विक महामारी के दौरान छात्रों से छात्रावास निरंतरता शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए |
इकाई अध्यक्ष आकाश नेगी की अगुवाई में सभी कार्यकर्त्ता दोपहर 12 बजे चीफ वार्डन के कार्यालय पहुंचे | कार्यकर्ताओं ने इस दौरान हॉस्टल में रहने वाले छात्रों से छात्रावास निरंतरता फीस लेने का फरमान जारी करने पर मुख्य छात्रपाल को घेरा |
आकाश ने कहा कि हम देखते हैं कि जब वर्ष 2020 में कोविड महामारी भारत में अपने पैर पसार रहा था उस दौरान विवि प्रशासन ने हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को कोविड महामारी का हवाला देते हुए हॉस्टल से निकाल दिया था | उस दौरान उन छात्रों को सांगटी, समरहिल में 7000 से अधिक के किराये के कमरों में रहने पर मजबूर होना पड़ा था उन्होंने कहा कि कोविड के कारण विश्वविद्यालय लगभग 1 वर्ष से अधिक समय तक बंद रहा | इस दौरान कोई भी छात्र हॉस्टल में नहीं रहा था, उन्होंने हॉस्टल में उपलब्ध किसी भी प्रकार की सुविधा का प्रयोग नहीं किया था |
लेकिन अभी कुछ दिन पहले हॉस्टल में रहने वाले छात्रों से छात्रावास निरंतरता फीस लेने एक तुगलकी फरमान विवि प्रशासन ने जारी कर दिया | आकाश ने कहा विद्यार्थी परिषद का स्पष्ट मत है कि उस समय की कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए छात्रों से हॉस्टल कंटिन्यूएशन फीस न ली जाए |
आकाश ने विवि प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि विवि प्रशासन अब छात्रों को धमकाने पर उत्तर चुका है | उन्होंने कहा कि छात्रों पर दवाब बनाया जा रहा है कि अगर उन्होंने अपनी छात्रावास निरंतरता फीस नहीं दी तो उनको no dues स्लिप जारी नहीं करेंगे जिस से उन्हें उनकी डीएमसी, डिग्री प्राप्त नहीं होगी | आकाश ने विवि प्रशासन को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि हॉस्टल में रहने वाले किसी भी छात्र को no dues स्लिप प्रदान नहीं की गई तो आने वाले समय में प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा |
आकाश ने कहा कि विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए हॉस्टल निरंतरता फीस माफ करने के फैसले को अमलीजामा पहनाना चाहिए और छात्रों को राहत देनी चाहिए |
साथ ही साथ उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द प्रशासन उनकी इस मांग को नहीं मानता है तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद चीफ वार्डन एवं उनके उच्च अधिकारियों को विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं करने देगा जिसके लिए प्रशासन स्वंय जिम्मेदार होगा |