राजधानी के कच्चीघाटी में अवैध तरीके से बनाए गए पांच मंजिला भवन को गिराने के आदेश जारी हो गए हैं। नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने शनिवार को मामले पर फैसला सुनाते हुए इसे गिराने के आदेश पारित किए। नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री की अदालत में अवैध निर्माण से जुड़े 67 मामलों पर सुनवाई हुई। इस दौरान कच्चीघाटी के इस भवन को लेकर भी सुनवाई पूरी हुई।
निगम प्रशासन के अनुसार एक व्यक्ति ने बिना नक्शा पास करवाए ही कच्चीघाटी में पांच मंजिला भवन खड़ा कर दिया था। पिछले कई सालों से इस पर सुनवाई चल रही थी। शहर में भवन निर्माण के लिए नगर निगम से नक्शा पास करवाना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर निर्माण को अवैध माना जाता है। इस भवन को भी नियमों के खिलाफ मानते हुए अदालत ने इसे गिराने के आदेश जारी किए है।
उधर लक्कड़ बाजार के पास भी एक भवन मालिक ने बिना मंजूरी के अपने भवन में एक अतिरिक्त रिहायश बना ली थी। इसे भी तोड़ने के आदेश जारी किए हैं। वहीं शहर में 150 असुरक्षित घोषित किए भवनों का बरसात के मौसम में गिरने का भी खतरा है। इनमें कई भवनों में अभी लोग रहते हैं तथा इन्हें छोड़ने को तैयार नहीं। लोगों का कहना है कि नया भवन काफी महंगा मिलेगा, यहां किराया कम है।
नगर निगम ने शहर में अनसेफ घोषित किए गए भवनों को खाली करने के निर्देश जारी किए है। भारी बारिश के कारण इन भवनों को खतरा होने का अंदेशा है। निगम ने इन्हें खाली करने को कहा है। शहर में निगम ने बीते पांच साल में 150 से ज्यादा भवनों को अनसेफ घोषित किया है। हालांकि, ज्यादातर में अभी भी लोग रह रहे है।