शिमला
हिमाचल में अब नशा एक व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामाजिक समस्या बन गई है। प्रदेश के गांव गांव तक नाशिले पदार्थ पहुंचे चुके है और यह हमारे युवाओं को मानसिक एवं व्यक्तित्व खोखला कर रहे है।
एएसपी सुनील नेगी ने यह बात राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) शिमला में बच्चों के साथ एक विशेष मुहिम अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स कार्यक्रम में साझा की।
नेगी ने कहा की जो भी व्यक्ति नशे जैसी बीमारी से जूझ रहा है तो प्यार से उसकी लत छुड़ाने में मदत करनी चाहिए।
आज हमारे समाज में ड्रग्स का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। पहले केवल शराब और भांग ही प्रदेश में उपलब्ध होते थी लेकिन कुछ सालों में हिमाचल में चिट्टा और एलएसडी जैसे नशीले पदार्थ बहुत बढ़ गए हैं।
नशीले पदार्थ युवाओं की मानसिकता पर असर डालते हैं। एएसपी ने बताया कि पिछले साल नशे से संबंधित वारदातों में 500 के करीब युवाओं को पकड़ा गया था।
आरकेएमवी की प्रिंसिपल डॉ. अनुरिता सक्सेना ने कहा कि विद्यार्थियों को जागरूक करना कॉलेज का कर्तव्य है। युवाओं के बीच संवाद की कमी के कारण नशों के दुरुपयोग का खतरा बढ़ रहा है। कॉलेज में एक काउंसलिंग सेंटर बनाया जाएगा ताकि छात्राएं बातचीत करके अपनी परेशानियां खुल कर बता सकें।