लाहौल-स्पीति/तन्जिन वंगज्ञाल
काजा एडीएम ज्ञान सागन नेगी ने हिमाचल दिवस के मौके पर सभी को बधाई दी। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल, 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय के बाद यह पहाड़ी राज्य अस्तित्व में आया था । वर्ष 1971 में जब यह प्रदेश एक पूर्ण राज्य बना तो उस समय के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 10 हज़ार 617 किलोमीटर लम्बी सड़कें थीं, साक्षरता दर 31.96 प्रतिशत थी। प्रदेश में 4 हज़ार 693 शैक्षणिक संस्थान तथा 587 स्वास्थ्य संस्थान थे। बिजली की सुविधा भी 3 हज़ार 249 गांवों में उपलब्ध थी। प्रति व्यक्ति आय भी मात्र 651 रुपये थी। वर्तमान में हिमाचल की गिनती खुशहाल एवं प्रगतिशील राज्यों की श्रेणी में की जाती है। प्रदेश में सड़कों की लम्बाई बढ़कर 38 हज़ार 470 किलोमीटर हो चुकी है। 10 हज़ार 508 गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा जा चुका है। लगभग 99 प्रतिशत पंचायतें सड़कों से जुड़ चुकी हैं। वर्तमान में प्रदेश में शिक्षण संस्थानों की संख्या 15 हज़ार 553 है तथा साक्षरता दर 82.80 पहुंच गई है। आज हर क्षेत्र में हिमाचल विकास की नई गाथा लिख रहा है।
*एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने हिमाचल दिवस के सामारोह के उपलक्ष पर कर्मचारियों को शपथ दिलवाई*
हिमाचल दिवस के अवसर अपने पहाड़ी प्रदेश कीसांस्कृतिक व प्राकृतिक विरासत को सहेजते हुए इसके सतत विकास के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। इसके साथ ही हम सब वैष्विक महामरी कोरोना के विरूध सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का हमेशा पालन करेंगे तथा हम यह भी शपथ लेते है कि हमारा प्रदेश जो इस वर्ष स्वर्णिम जयंती मनाने जा रहा है । इसके निंरतर विकास में अपना योगदान देंगे। ताकि हिमाचल पहाड़ी राज्य के रूप में अपनी विश्ष्टि पहचान बना सके।
इस मौके पर एसडीएम जीवन सिंह नेगी, बीडीओ महेंद्र प्रताप सिंह, डीएसपी सुंशात शर्मा सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे।