शिमला, 22 सितंबर, 2023 – परीक्षण तैयारी सेवाओं में भारत के अग्रणी, आकाश बायजूस ने अपने उत्तरी क्षेत्र में जम्मू & कश्मीर , हिमाचल प्रदेश , पंजाब , हरियाणा , चंडीगढ़ , एंड राजस्थान राज्यों में 46 शाखाओं में व्यापक रक्तदान शिविर का आयोजन करके अपना 35 वां स्थापना दिवस मनाया। शहरों में बड़ी संख्या में ब्लड इकाइयाँ दान की गईं।
इस कार्यक्रम में आकाश बायजूस के समर्पित स्टाफ सदस्यों सहित बड़े पैमाने पर लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। नीट, आईआईटी जेईई और ओलंपियाड की तैयारी के लिए देश के प्रमुख संस्थान के रूप में आकाश बायजूस को सामाजिक जिम्मेदारी की मजबूत भावना के लिए भी जाना जाता है।
संस्था के 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर, समाज को वापस लौटाने की आकाश बायजू की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उल्लेखनीय संख्या के साथ यह आयोजन एक ज़बरदस्त सफलता थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग रक्तदान करने आए और जीवन बचाने के नेक काम में अपना योगदान दिया।
आकाश बायजूस के क्षेत्रीय निदेशक श्री परमेश्वर झा ने कहा, “हम समुदाय को वापस लौटाकर अपना 35वां स्थापना दिवस मनाने को लेकर रोमांचित हैं।” “हमारा मिशन हमेशा छात्रों को उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए ज्ञान और कौशल के साथ सशक्त बनाना रहा है। लेकिन हम यह भी मानते हैं कि शिक्षा पाठ्यपुस्तकों से परे है। इसमें समाज के प्रति सहानुभूति और जिम्मेदारी शामिल है। यह रक्तदान शिविर हमारी कृतज्ञता का एक छोटा सा प्रतीक है वे समुदाय जिन्होंने पिछले 35 वर्षों से हमारा समर्थन किया है
रक्तदान शिविर समाज के कल्याण के लिए आकाश बायजू की प्रतिबद्धता का उदाहरण है और इस विश्वास को रेखांकित करता है कि शिक्षा संस्थान जिम्मेदार नागरिकों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो समाज की बेहतरी में सक्रिय रूप से योगदान करते हैं। आर
आकाश बायजूस उन सभी प्रतिभागियों और स्वयंसेवकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता है जिन्होंने रक्तदान शिविर को उल्लेखनीय सफलता दिलाई। यह आयोजन एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि शिक्षा केवल अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के बारे में नहीं है; यह दयालु व्यक्तियों के पोषण के बारे में है जो दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
इस अवसर पर IGMC शिमला ब्लड बैंक की टीम से डॉ विपाशा, नर्स भावना, तकनीशियन कमलजीत की देखरेख में शिविर का आयोजन किया गया। दाताओं को रक्तदान प्रमाण पत्र से भी सम्मानित किया गया जिसका उपयोग भविष्य में किसी जरूरतमंद की जान बचाने के लिए किया जा सकता है।