मंडी लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है और सियासत चरम पर है। मंडी भले ही मुख्यमंत्री का गृह जिला है पर यहां कठिनाइयाँ कम नहीं होंगी। लम्बे समय से हाशिये पर चल रहे मंडी सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा पिछले कुछ दिन से अपनी ही सरकार के खिलाफ आक्रमक हो गए है। पहले दो बार अपना वीडियो संदेश जारी करके सरकार और सीएम जयराम ठाकुर पर प्रहार करने के बाद अनिल शर्मा ने अब एक और वीडियो संदेश जारी करके सरकार पर भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस बार अनिल शर्मा ने विधानसभा में लिखित जबाव की कॉपी भी शेयर की है, जिससे पता चल रहा है कि मंडी जिला में सराज और धर्मपुर में ही पैसों की बरसात हो रही है, जबकि बाकी जगह सूखा ही पड़ा है।
यह आंकड़े मुख्ममंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत हुए धन आवंटन के है। अनिल शर्मा ने सदर क्षेत्र की जनता से अपील की है कि वो इस बात को समझें कि सरकार उनके क्षेत्र के साथ कितना भेदभाव कर रही है। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर से भी आने वाले उपचुनाव में सदर क्षेत्र में वोट मांगने के लिए आने पर जनता के समक्ष यह सारे आंकड़े पेश करने की अपील की है।
अनिल शर्मा के इस आक्रामक रवैये के बाद जिला भाजपा भी एक्शन में आ गयी है। जिला भाजपा मंडी की तरफ़ से जिला उपाध्यक्ष पुष्पराज कात्यायन, पंकज शर्मा द्वारा संयुक्त बयान में कहा कि सदर विधानसभा क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार होने की बात करने वाले विधायक अनिल शर्मा अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री पर गलत व झूठी टिपण्णी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के सत्तर साल बाद भी अनिल शर्मा की सोच केवल प्राइमरी स्कूल खोलने तक ही सीमित रह गई है जो उनके दिमागी स्तर और विकास के प्रति उनकी समझ को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सदर विधानसभा क्षेत्र को विश्व के मानचित्र पर अंकित करना जयराम सरकार का लक्ष्य है और इस कार्य के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिवधाम जैसा महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट धरातल पर उत्तर रहा है, जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर है परंतु ये कार्य अनिल शर्मा को नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि ये सब उनकी मानसिकता और सोच से परे हैं। लगभग छह दशकों तक मंडी सदर की भोली भाली जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करने वाला यह परिवार आज तक मंडी में पार्किंग की समस्या को दूर नहीं कर पाया परन्तु जयराम सरकार ने इसे भी पूरा किया है।
क्या कहते हैं आंकड़े
2020-21 के आंकड़ों की बात करें तो उस वर्ष सराज को 10 करोड़ से ज्यादा, धर्मपुर को लगभग तीन करोड़ रूपए मिले, जबकि सदर को मात्र 56 लाख ही दिए गए। सिर्फ 2018-19 में जब अनिल शर्मा इसी सरकार में मंत्री थे तो सदर के लिए लगभग दो करोड़ रूपए लाने में सफल हो पाए थे। वर्ष 2018-19 सराज विधानसभा को 471.30 लाख रुपये, धर्मपुर विधानसभा को 189.00 लाख रुपये, वहीं, अनिल शर्मा के विधानसभा सदर को 185.00 लाख रुपये मिले हैं.वर्ष 2019-20 में सराज को 702.00 लाख, धर्मपुर को 292.50 लाख और सदर को 27.00 लाख, वर्ष 2020-21 में सराज को 1008.21 लाख, धर्मपुर को 289.78 लाख और सदर को महज 56.09 लाख रुपये मिले हैं। वहीं, वर्ष 2021-22 (31 जुलाई 2021 तक) में अब तक सराज को 601.75 लाख, धर्मपुर को 69.72 लाख और सदर को 38.91 लाख मिल चुके हैं।